ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए राहत भरी खबर है। शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की बढ़ती मांग के बीच इसके दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों-बीएनपी और जमात ने कहा कि वे किसी भी राजनीतिक संगठन पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर लंबे विरोध प्रदर्शनों के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा देकर भारत भागीं हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (जमात) द्वारा आलोचना की जाती रही है।
प्रतिबंध लगाने की राजनीति में विश्वास नहीं-बीएनपी
बीएनपी महासचिव मिर्जा फकरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, ‘‘शेख हसीना और अवामी लीग के विपरीत, हम हिसाब बराबर करने के लिए किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने की राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी ने जनवरी के आम चुनाव का बहिष्कार किया था।
लोकतांत्रिक अधिकारों को नहीं छीनेंगे-जमात
अवामी लीग सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई जमात ने कहा कि वह भी किसी राजनीतिक दल के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। अंतरिम सरकार ने पिछले हफ्ते जमात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था।
राजनीतिक अत्याचारों के सबसे अधिक पीड़ित
जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख शफीकुर रहमान ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम अवामी लीग शासन द्वारा किए गए राजनीतिक अत्याचारों के सबसे अधिक पीड़ित रहे हैं। उसने हम पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन हमारा मानना है कि किसी पर प्रतिबंध लगाकर आप किसी राजनीतिक पार्टी या उसकी विचारधारा को खत्म नहीं कर सकते। हम इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।’’ रहमान ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वे चुनाव लड़ें और हम उन्हें चुनाव में हराएंगे।’’ (पीटीआई)
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