पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सबसे बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने शहबाज शरीफ के साथ ही साथ मौजूदा संघीय कार्यवाहक कैबिनेट के दो सदस्यों को भी एक बड़े आवासीय भ्रष्टाचार घोटाले में शनिवार को बरी कर दिया गया। इससे शहबाज के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। शहबाज शुरू से ही कह रहे थे कि उन्हें इस मामले में जानबूझकर फंसाया गया है। इस मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी शहबाज की काफी खिंचाई की थी।
मगर अब लाहौर की जवाबदेही अदालत द्वारा शहबाज को बरी कर दिए जाने से इमरान खान भी हैरान होंगे। मामले की सुनवाई करते हुए जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अली जुल्करनैन अवान राष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी निकाय की रिपोर्ट पर ‘आशियाना-ए-इकबाल आवासीय योजना’ भ्रष्टाचार मामले में शहबाज, संघीय कैबिनेट सदस्यों- फवाद हसन फवाद और अहद खान चीमा तथा अन्य को बरी कर दिया। इससे शहबाज के विरोधियों को तगड़ा झटका लगा है।
इस आधार पर किया बरी
शहबाज शरीफ (72) तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोजक वारिस अली जंजुआ ने उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश की व्याख्या पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें निचली अदालतों को कानून में संशोधनों पर फैसले के खिलाफ अपील पर निर्णय लिए जाने तक अंतिम आदेश देने से रोक दिया गया था। उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘शीर्ष अदालत का स्थगन आदेश (इस मामले में) बरी करने की याचिकाओं पर लागू नहीं होता क्योंकि निचली अदालत ने उन पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई की थी और कानून में संशोधनों का कार्यवाही से कोई लेना-देना नहीं है। (भाषा)
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