America help to Pakistan: बाढ़ और कर्ज में डूबे पाकिस्तान में कंगाली ही कंगाली है। न रहने का घर है और न खाने का ठिकाना। रोते-विलखते और दया की भीख मांगते पाकिस्तान पर एक बार फिर अमेरिका ने रहम दिखाया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने न्यूयॉर्क में 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेने वाले विश्व नेताओं के स्वागत समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है। उन्होंने पाकिस्तान की बदहाली को अमेरिका के सामने रखा। इसके बाद पाक को भूखों मरने से उबारने कि ले अमेरिका ने 2.9 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने का ऐलान किया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बीच यह पहली बातचीत है। अपने चुनाव के बाद से, बाइडेन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान या उनके उत्तराधिकारी से बात नहीं की थी। अनौपचारिक होने के बावजूद, बैठक इस तथ्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है कि इमरान खान के कार्यकाल के दौरान बाइडेन प्रशासन ने बड़े पैमाने पर पाकिस्तान की अनदेखी की। हालांकि, सरकार बदलने के बाद से ही दोनों देशों के बीच माहौल बदला है।
अतिरिक्त मदद के ऐलान से पाकिस्तान को मिलेगी भूख से राहत
संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने संबोधन में,बाइडेन ने पाकिस्तान को मदद देने के लिए कदम बढ़ाया, जहां बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। अभी भी पाकिस्तान में खाने-पीने के लाले पड़े हैं। गरीब और असहाय पाकिस्तानियों के पास न रहने के लिए घर है और न ही खाने का कोई इंतजाम। उनके सामने भूखे मरने की स्थिति है। इस दौरान बाढ़ के साथ ही पाकिस्तान कर्ज में भी डूब गया है। ऐसे में अब तक मिली मदद से वह पाकिस्तानियों को भूख से बचाने में नाकामयाब हो रहा था। ऐसे में बाइडेन ने वैश्विक खाद्य असुरक्षा को दूर करने के लिए 2.9 बिलियन डॉलर से अधिक की नई सहायता की घोषणा की, जो इस वर्ष पहले से ही प्रतिबद्ध वैश्विक खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए अमेरिकी सरकार की 6.9 बिलियन डॉलर की सहायता पर आधारित है।
पहले एफ-16 के लिए दे चुका है 45 करोड़ डॉलर
पाकिस्तान पर मेहरबान अमेरिका ने इस महीने की शुरूआत में भी उसकी मदद की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री के एक वरिष्ठ सलाहकार ने पाकिस्तान का तब दौरा किया था और बाइडेन प्रशासन ने भी पाकिस्तान को एफ-16 उपकरणों की 45 करोड़ डॉलर की मदद मुहैया कराई थी। अमेरिका ने यह राशि पाकिस्तान को एफ-16 के रख-रखाव और आतंकवाद से लड़ने के नाम पर दी थी। जबकि पाकिस्तान खुद ही आतंक का सबसे बड़ा सौदागर है। ऐसे में वह आतंकियों के खिलाफ लड़ने के लिए इन पैसों का कितना उपयोग करेगा, यह बात पूरी दुनिया जानती है। मगर अमेरिका अपने निजी हितों के लिए पाकिस्तान को मदद पर मदद दिए जा रहा है।
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