इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत की संभावना से इनकार किया। इससे पहले भारत की तरफ से कहा गया था कि जयशंकर इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, जयशंकर ने पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया है।
'पाकिस्तान को मिल गई है सूचना'
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि पाकिस्तान 15 से 16 अक्टूबर तक इस्लामाबाद में एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की 23वीं परिषद की मेजबानी करेगा। जयशंकर की यात्रा और भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ‘इस यात्रा के संबंध में आधिकारिक तौर पर सूचना’ मिल गई है और वह सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है।
'जयशंकर की यात्रा बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है'
जहरा बलोच ने कहा, ‘‘द्विपक्षीय बैठकों के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में, मैं आपको 5 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों का संदर्भ देना चाहूंगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है, ना कि पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा करने के लिए। ये टिप्पणियां खुद-ब-खुद स्पष्ट हैं।’’ एससीओ बैठक का ब्योरा देते हुए बलूच ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आगामी सीएचजी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
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जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे नई दिल्ली की ओर से एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले पाकिस्तान का दौरा करने वाली अंतिम भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आईं थीं। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। (भाषा)
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