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Hindi News विदेश एशिया टोकियो में QUAD के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले एस जयशंकर, बढ़ सकती है चीन की मुश्किल

टोकियो में QUAD के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले एस जयशंकर, बढ़ सकती है चीन की मुश्किल

जापान की राजधानी टोकिया में क्वॉड के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले एस जयशंकर ने अपने अमेरकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। इस दौरान भारत-अमेरिकी के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने समेत कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन वार्ता हुई।

टोकियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन। - India TV Hindi Image Source : PTI टोकियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन।

टोक्योः जापान में चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) मंत्रियों की बैठक से इतर भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने आज अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। इस दौरान भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बल दिया गया। इसके साथ ही क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने टोक्यो में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर मुलाकात की। अमेरिका ने भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने की इच्छा जाहिर की। इससे चीन को चिंता हो सकती है।

बैठक संपन्न होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘टोक्यो में आज विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात कर बहुत अच्छा लगा। हमारा द्विपक्षीय एजेंडा लगातार आगे बढ़ रहा है। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने आगे लिखा कि ‘क्वाड’ विदेश मंत्रियों की कल होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।’’

क्या है क्वॉड

क्वॉड भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का एक मजबूत संगठन है। चारों देशों ने नवंबर 2017 में मिलकर ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर दावे करते हैं। ऐसे में क्वॉड हमेशा से चीन के लिए बड़ी चिंता का कारण रहा है। क्वॉड में भारत के बढ़ते दबदबे से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। (भाषा) 

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