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रूसी सैनिक ने यूक्रेन में युद्ध लड़ने से कर दिया इंकार, पुतिन ने उठाया ये बड़ा कदम

यूक्रेन युद्ध में शामिल होने से इंकार करने पर रूस ने अपने सैनिक को जेल भेज दिया है। एक रूसी अदालत ने 'विशेष सैन्य अभियान' में भाग लेने से इंकार करने के लिए मार्सेल कंदारोव नाम के सैनिक को 5 साल जेल की सजा सुनाई है। अधिकारियों ने कहाकि एक रूसी अदालत ने यूक्रेन में लड़ने से इनकार करने के लिए 24 वर्षीय सैनिक को सजा दी।

रूसी सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi Image Source : AP रूसी सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)

Russia-Ukraine War News: करीब 11 महीने से यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध से अब रूसी सैनिक भी तंग आ चुके हैं। लिहाजा अब वह युद्ध से तौबा कर रहे हैं। इससे राष्ट्रपति पुतिन के सामने हार का खतरा मंडराने लगा है। सैनिकों के युद्ध नहीं लड़ने के डर से पुतिन की बौखलाहट बढ़ रही है। एक ऐसा ही मामला रूस में सामने आने पर सैनिक को कड़ी सजा दी गई है। इससे अन्य सैनिकों में खौफ पैदा हो गया है। दरअसल यूक्रेन में चल रहे खून-खराबे और युद्ध का कोई अंत होता नहीं देखकर रूसी सैनिकों का हौसला टूटने लगा है। मगर पुतिन यूक्रेन पर तब तक हमला जारी रखना चाहते हैं कि जब तक जेलेंस्की हार नहीं मान लेते।

युद्ध से इंकार पर रूस ने अपने सैनिक को दी कड़ी सजा
यूक्रेन युद्ध में शामिल होने से इंकार करने पर रूस ने अपने सैनिक को जेल भेज दिया है। एक रूसी अदालत ने 'विशेष सैन्य अभियान' में भाग लेने से इंकार करने के लिए मार्सेल कंदारोव नाम के सैनिक को 5 साल जेल की सजा सुनाई है। अधिकारियों ने कहा है कि एक रूसी अदालत ने यूक्रेन में लड़ने से इनकार करने के लिए एक 24 वर्षीय पेशेवर सैनिक को पांच साल की यह सजा दी है। ताकि युद्ध लड़ने से पीछा छुड़ाने वाले अन्य सैनिकों को भी सबक मिल सके।  दक्षिणी उरलों में बश्कोर्तोस्तान के क्षेत्र में अदालतों की प्रेस सेवा ने गुरुवार को कहा कि मार्सेल कंदारोव विशेष सैन्य अभियान में भाग नहीं लेना चाहते थे, इसलिए वह मई 2022 में ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए थे।  

सितंबर में पकड़ गया सैनिक
यूक्रेन में युद्ध लड़ने से इंकार करने वाले इस सैनिक को रूस के कानून प्रवर्तन ने सितंबर 2022 में खोज निकाला, जोकि मई से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। एक सैन्य न्यायाधिकरण ने कहा कि लामबंदी के दौरान सैन्य सेवा से बचने के लिए कंदारोव को पांच साल की सजा सुनाई। रूस ने सितंबर के अंत में यूक्रेनी सेना के हाथों युद्ध के मैदान में हार के बाद 300,000 पुरुषों की लामबंदी की घोषणा की थी। इस घोषणा से रूस से पुरुषों का रूस से पलायन शुरू हो गया था। रूस के काफी युवा और पुरुष अर्मेनिया, जॉर्जिया और कजाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों में भाग गए।

पुतिन के आदेश के खिलाफ की थी रैली
यूक्रेन में सैनिकों की बड़ी लामबंदी करने पुतिन के आदेश के बाद न सिर्फ पुरुषों ने देश से पलायन किया, बल्कि इस निर्देश के खिलाफ रूसियों ने देश भर में रैली भी की, लेकिन पुलिस ने युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों को तितर-बितर करने का प्रयास किया। इस दौरान रूस की पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले लिया, जिसमें काफी संख्या में बच्चे भी शामिल थे। वहीं पुतिन के आलोचकों ने कहा है कि बहुत से लामबंद लोगों को युद्ध के मैदान का शायद ही कोई अनुभव था और सामने भेजे जाने से पहले उन्हें बहुत कम प्रशिक्षण मिला था।

एक अन्य सैनिक को भी सजा
रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS ने बुधवार को बताया कि मास्को में एक अलग सैन्य न्यायाधिकरण ने एक सैनिक को अधिकारी की "पिटाई" करने के दोष में पांच साल और छह महीने की सजा सुनाई है। TASS ने कहा कि सैनिक ने मॉस्को के बाहर लामबंद सैनिकों के प्रशिक्षण पर "अपना असंतोष" व्यक्त किया है। आरोप है कि सैनिक ने एक अधिकारी के चेहरे पर सिगरेट का धुआं उड़ाया। इस पर अधिकारी ने उसे धक्का दे दिया। फिर उसने मारपीट की और अधिकारी को सीने से लगा लिया। इस संबंध में घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें सैनिक को खराब प्रशिक्षण, अश्लीलता का उपयोग करने और अभ्यास को "नकली" कहने की शिकायत करते हुए दिखाया गया है।

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