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Hindi News विदेश एशिया 24 साल में पहली बार उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाएंगे व्लादिमीर पुतिन, यहां समझें यात्रा के मायने

24 साल में पहली बार उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाएंगे व्लादिमीर पुतिन, यहां समझें यात्रा के मायने

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाने वाले हैं। यहां वह अपने समकक्ष किम जोंग उन से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कोई सैन्य समझौता भी हो सकता है।

किम से मिलेंगे पुतिन।- India TV Hindi Image Source : AP किम से मिलेंगे पुतिन।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पहुंचने वाले हैं। आपको बता दें कि बीते 24 वर्षों में पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी। माना जा रहा है कि पुतिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात कर के सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। रूस और उत्तर कोरिया दोनों के ही अमेरिका से काफी गहरे मतभेद हैं। इस कारण दोनों देश और करीब आते जा रहे हैं।

क्या है यात्रा का मकसद?

पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर ऐसे वक्त जा रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी हथियार समझौते के बारे में चिंता जता रहा है। माना जा रहा है कि प्योंगयांग द्वारा आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में मास्को को आवश्यक हथियार उपलब्ध कराया जाएगा। युक्रेन से जारी युद्ध में ये हथियार पुतिन के लिए बहुत ज्यादा ही जरूरी हैं। 

किम ने सितंबर में की थी रूस की यात्रा

बीते सितंबर महीने में किम जोंग ने पुतिन के साथ बैठक के लिए रूस की यात्रा की थी। इसके बाद से ही उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य, आर्थिक और अन्य सहयोग में तेजी से वृद्धि हुई है। 2019 के बाद दोनों नेताओं की ये पहली बैठक थी। अमेरिका और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने उत्तर कोरिया पर आरोप लगाया है कि वह रूस को गोला बारूद, मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया करा रहा है। हालांकि, प्योंगयांग और मॉस्को दोनों ने इन आरोपों को खारिज किया है। 

2000 में उत्तर कोरिया गए थे पुतिन

उत्तर कोरिया और रूस दोनों ने ही किसी भी हथियारों के ट्रांसफर के आरोपों से इनकार किया है, क्योंकि ये कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा। इन प्रस्तावों को समर्थन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने पहले भी किया था। पुतिन ने अपने पहले चुनाव के कुछ महीनों बाद पहली बार जुलाई 2000 में प्योंगयांग की यात्रा की थी। तब उन्होंने किम के पिता और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग इल से मुलाकात की थी। (इनपुट: भाषा)

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