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बीमार नहीं हैं रूसी राष्ट्रपति, NSA अजीत डोभाल की मुलाकात से हैरत में यूक्रेन; अफगानिस्तान पर कही बड़ी बात

लंबे समय से सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कहीं विलुप्त या बीमार नहीं हैं, बल्कि वह बिलकुल स्वस्थ हैं। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया गया था कि पुतिन पार्किंसंस या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और वह अपनी मौत के दिन गिन रहे हैं।

भारत के एनएसए अजीत डोभाल और रूसी राष्ट्रपति पुतिन (फाइल)- India TV Hindi Image Source : FILE भारत के एनएसए अजीत डोभाल और रूसी राष्ट्रपति पुतिन (फाइल)

नई दिल्ली। लंबे समय से सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कहीं विलुप्त या बीमार नहीं हैं, बल्कि वह बिलकुल स्वस्थ हैं। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया गया था कि पुतिन पार्किंसंस या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और वह अपनी मौत के दिन गिन रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पुतिन की जिंदगी पूरी होने का वक्त बहुत नजदीक आ चुका है और कभी भी वह दुनिया को अलविदा कह सकते हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने खुद भी यह आशंका जताई थी कि "मुझे नहीं लगता पुतिन अब जीवित हैं। अगर जीवित भी हैं तो वह कहीं बीमार पड़े हैं और अपने आखिरी दिन गिन रहे होंगे।" मगर पुतिन से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की मुलाकात ने यूक्रेन और यूरोपीय देशों को बड़ा झटका दे दिया है। 

एनएसए अजीत डोभाल इन दिनों अमेरिका के बाद ब्रिटेन होते हुए रूस की यात्रा पर हैं। वहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में बृहस्पतिवार को मुलाकात की है। यह जानकारी खुद रूसी दूतावास ने दी है। पुतिन और डोभाल के बीच विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसके बाद भारत और रूस रणनीतिक साझेदारी को लागू करने की दिशा में काम जारी रखने पर सहमत हुए। भारत में रूस के दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि एनएसए डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की है। डोभाल बुधवार को दो दिवसीय रूस यात्रा पर गए हैं।

जरूरत के समय भारत अफगान के लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा
रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने के साथ ही NSA अजीत डोभाल ने मास्को में अफगानिस्तान पर 5वीं बहुपक्षीय सुरक्षा वार्ता में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अफगानों की भलाई और मानवीय जरूरतों पर बल दिया। डोभाल ने कहा कि जरूरत के समय में भारत अफगान लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा। इसके साथ ही अफगानिस्तान में मौजूदा तालाबिनी शासन और उनके आतंकियों के साथ संबंधों पर चिंता भी जाहिर की गई। इसे पूरे विश्व के लिए भारत शुरू से खतरा जताता रहा है। सभी देशों ने अफगानिस्तान में महिलाओं की बदहाली को भी दुर्भाग्यपूर्ण और चिंतापूर्ण बताया। 

आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत

एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि आतंकवाद पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा है। इससे सभी को मिलकर लड़ना होगा। आतंकवाद फैलाने के लिए किसी को अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान कठिन दौर से गुजर रहा है। भारत ने संकट के समय अफगानिस्तान को 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 60 टन दवाइयां और 5 लाख कोविड वैक्सीन भेजी थी। भारत मानवीय मदद करता रहेगा। ।

 

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