दोहा: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कतर के दोहा फोरम में शनिवार को औचक तौर पर एक वीडियो लिंक के माध्यम से उपस्थित हुए। उन्होंने तेल एवं गैस संपन्न इस देश (कतर) और अन्य से अपना उत्पादन बढ़ाने की अपील की, ताकि रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कमी को पूरा किया जा सके। जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व के शक्तिशाली देशों से उनकी मदद के लिए आगे आने की अपील की, जैसा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया भर के देशों को सिलसिलेवार तरीके से अपने संबोधन में आग्रह किया है।
‘मारियुपोल में रूस ने मचाई अलेप्पो जैसी तबाही’
जेलेंस्की ने बंदरगाह शहर मारियुपोल में किए गए विध्वंस को सीरियाई युद्ध के दौरान अलेप्पो शहर में मचाई गई तबाही के समान बताया। जेलेंस्की ने कहा, ‘वे हमारे बंदरगाहों को नष्ट कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन से निर्यात रूकने से दुनियाभर के देश प्रभावित होंगे। जेलेंस्की ने विभिन्न देशों से अपने ऊर्जा के निर्यात को बढ़ाने की अपील की। उनकी यह अपील इसलिए भी मायने रखती है कि कतर प्राकृतिक गैस के निर्यात के मामले में विश्व का एक प्रमुख देश है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने रूसी निर्यात को बहुत हद तक रोक दिया है, जो (निर्यात) कि यूरोपीय देशों के लिए जरूरी हैं।
‘रूस जानबूझकर परमाणु हथियारों की धमकी दे रहा है’
वहीं, सउदी अरब ने अब तक कहा है कि वह ओपेक प्लस देशों के उत्पादन कार्यक्रम का अनुपालन करेगा। उसने यह भी कहा कि वह तेल की ऊंची कीमतों के लिए जिम्मेदार नहीं होगा क्योंकि वह यमन के हूती विद्रोहियों के हमले का सामना कर रहा है। जेलेंस्की ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी को लेकर रूस की आलोचना करते हुए कहा कि रूस जानबूझ कर यह धमकी दे रहा है कि वह परमाणु हथियारों से विध्वंस कर सकता है, न सिर्फ एक देश में बल्कि पूरी धरती पर। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में मुसलमानों को आगामी रमजान के महीने में लड़ाई लड़नी होगी।
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