चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग में क्या है ऐसा खास, पुतिन ही नहीं जेलेंस्की भी करना चाहते हैं मुलाकात, जानें पूरी बात
एक साल से Russia-Ukraine War जारी है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मार्च या अप्रैल में मिल सकते हैं। वहीं अब यूक्रेन के राष्ट्रपति भी जिनपिंग से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। जानिए क्या है ऐसा खास?
रूस-यूक्रेन युद्ध: Russia-Ukraine war रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से महायुद्ध जारी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में सदस्य देशों ने रूस से अपील की है कि वो यूक्रेन से अपनी सेना अब वापस बुला ले और युद्ध खत्म करे। इससे पहले ये खबर मिली थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। इस बीच अब खबर मिल रही है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की भी शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को खुद ही ये जानकारी दी है कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे।
जिनपिंग से कब होगी मुलाकात, जेलेंस्की ने कहा-नही ंपता
न्यूयॉर्क पोस्ट ने बताया कि बीजिंग ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता का आह्वान किया है। हालांकि, ज़ेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं शी जिनपिंग से मिलने की योजना बना रहा हूं।" हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि शी जिनपिंग के साथ उनकी बैठक कब और कहां होगी। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच शांति के लिए चीन की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "यह बैठक एक महत्वपूर्ण संकेत है कि चीन और यूक्रेन शांति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं।" जेलेंस्की ने कहा कि "अब तक, मैं इसे एक संकेत के रूप में देखता हूं, मुझे नहीं पता कि बाद में क्या होगा।"
जेलेंस्की ने चीन को दी चेतावनी-रूस को हथियार ना भेजें
इतना ही नहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वे रूस को हथियार मुहैया ना कराए। उन्होंने कहा, "मैं यह मानना चाहता हूं कि चीन रूस को हथियार नहीं देगा और मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।" इसके साथ ही उन्होंने पुतिन के साथ बातचीत के विचार को खारिज कर दिया।
तुर्की रिपोर्टर के एक सवाल का जवाब देते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि जब यह युद्ध शुरू हुआ था तो उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की मध्यस्थता में रूस के राष्ट्रपति के साथ वार्ता की थी और युद्ध को टालने के लिए कहा था।लेकिन एर्दोगन उस समय ऐसा करने में असमर्थ थे। अब उन्हें लगता है कि वह पुतिन से बातचीत करवा सकते हैं लेकिन अब हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उधर से बात करने वाला कोई व्यक्ति ही नहीं है।"
संयुक्त राष्ट्र में चीन ने पश्चिमी देशों पर लगाया आरोप
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप राजदूत दाई बिंग ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन को हथियार भेजने से युद्ध में केवल तनाव बढ़ेगा। संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर ग्यारहवें आपातकालीन विशेष सत्र को संबोधित करते हुए, चीन के उप राजदूत ने पश्चिम देशों की ओर इशारा करते हुए कहा, "यूक्रेन संकट को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को शांति वार्ता की सुविधा के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए, लेकिन इसके विपरीत पर्याप्त सबूत मिले हैं कि कई देश यूक्रेन को हथियार भेज रहे हैं। इससे शांति नहीं आएगी बल्कि यह आग में घी डालने का काम करेगा और इससे केवल तनाव बढ़ेगा।"
उन्होंने कहा, " इस युद्ध को बढ़ाने से आम लोगों को और भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम अपनी अपील दोहराते हैं कि कूटनीति और बातचीत को युद्धविराम की दिशा में प्रयासों को नहीं छोड़ा जा सकता है और बातचीत जारी रहनी चाहिए।" दाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि आग पर काबू पाने और स्वार्थ साधने के बजाय उन्हें "एकतरफा प्रतिबंधों और अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए।" इसके बजाय, उन्हें डी-एस्केलेशन के अनुकूल तरीके से कार्य करना चाहिए।
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