बीजिंग: यूक्रेन और रूस के बीच लगातार जारी है। दोनों देश एक-दूसरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच रूसी सीमा पर सैनिकों से भरे चीनी सैन्य ट्रकों के एक काफिले की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आने के बाद से चीन ने स्थिति साफ की है। चीन ने रूसी सीमा पर सैनिकों से भरे चीनी सैन्य ट्रकों के एक काफिले को प्रदर्शित करने वाली तस्वीर सहित रूस में अपने सैनिक भेजे जाने के बारे में अफवाहों को खारिज किया है। शुक्रवार को मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है।
...जो यूक्रेन युद्ध में चीन के रुख को बदनाम करने वाली हैं
चीन के इंटरनेट निगरानीकर्ता, साइबरस्पेस एडमिंस्ट्रेशन ऑफ चाइना (सीएसी) ने कहा कि ट्विटर पर साझा की जा रही एक तस्वीर 2021 में पहली बार प्रकाशित तस्वीर का एक संक्षिप्त (क्रॉप किया हुआ) प्रारूप है। चीन ने इससे पहले इन खबरों को खारिज कर दिया था कि रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान के लिए उससे सैन्य सहायता मांगी है। हांगकांग से प्रकाशित होने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की शुक्रवार की खबर के अनुसार, सीएसी ने गुरुवार को कहा कि ऑनलाइन मंच पर ऐसी कई फर्जी खबरें हैं जो यू्क्रेन युद्ध में चीन के रुख को बदनाम करने वाली हैं। उल्लेखनीय है कि रात में गुजर रहे और सैनिकों से भरे हुए चीनी सैन्य वाहनों के एक लंबे काफिले की ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की जा रही, जिससे इन अटकलों को जोर मिला है कि रूस को चीन सहायता उपलब्ध करा रहा है। सीएसी ने कहा कि यह असल में मई 2021 की एक तस्वीर का संपादित किया हुआ प्रारूप है।
यूएनएससी में रूस ने अमेरिका पर लगाए आरोप
यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि जैविक हथियारों के घटक यूक्रेनी क्षेत्र में बनाए गए थे, हमारे रक्षा मंत्रालय को यूक्रेन के क्षेत्र में पेंटागन द्वारा की गई गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में अधिक सामग्री प्राप्त हो रही है। उधर UNSC में भारत ने कहा कि- भारत यूक्रेन में लगातार बिगड़ती स्थिति के बारे में चिंतित है। हम रूस और यूक्रेन के बीच राजनयिक वार्ता के नवीनतम दौर का स्वागत करते हैं। हमारा मानना है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करना और बातचीत और कूटनीति के मार्ग पर लगन से आगे बढ़ना ही एकमात्र रास्ता है।
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