बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर यूक्रेन में युद्ध भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद NATO को खत्म कर दिया जाना चाहिए था। माना जा रहा है कि चीन के इस बयान के बाद अमेरिका के साथ पहले से ही तल्ख हो चुके रिश्तों में और खटास आ सकती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन ने कई मौकों पर मॉस्को का साथ दिया है और इसके लिए परोक्ष और प्रत्यक्ष रूप से अमेरिका को जिम्मेदार ठहराता रहा है। हालांकि यह शायद पहली बार है जब चीन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले में अमेरिका और NATO पर पर इस तरह से निशाना साधा है।
‘यूक्रेन संकट का गुनहगार और मास्टरमाइंड है अमेरिका’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने शुक्रवार को बीजिंग में दैनिक ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से कहा कहा कि बीते कुछ सालों में NATO का तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन संकट के गुनाहगार और मास्टरमाइंड अमेरिका ने 1999 के बाद पिछले 2 दशकों में पूरब की ओर विस्तार के 5 दौरों में NATO की अगुवाई की। NATO के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 30 हो गयी और वे 1000 किलोमीटर से भी आगे बढ़ते हुए कहीं न कहीं रूस सीमा के पास पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने एक-एक कदम उठाते हुए रूस को धकिया दिया।’
रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों से सहमत नहीं चीन
झाओ का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन और यूरोपीय संघ के नेता एक सम्मेलन के लिए डिजिटल तरीके से बैठक कर रहे हैं। इस सम्मेलन में यूक्रेन का मुद्दा छाये रहने की संभावना है। यूरोपीय संघ के अधिकारियों का कहना है कि वे चीन से इस वादे की उम्मीद कर रहे हैं कि वह प्रतिबंधों को कमजोर नहीं करेगा एवं लड़ाई को रोकने के प्रयासों में सहायता करेगा। हालांकि चीन ने कई मौकों पर कहा है कि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाकर ज्यादती की है और इस मुद्दे का हल सिर्फ और सिर्फ बातचीत से निकाला जा सकता है।
Latest World News