बीजिंग: चीन ने यूक्रेन में रूस का सैन्य हमला तेज होने के बीच संभावित पर्यावरणीय आपदा को लेकर डर पैदा होने पर दोनों देशों से यूक्रेन के परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। विएना में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के शीर्ष अधिकारियों की आपात बैठक को संबोधित करते हुए चीन के राजदूत वांग कुन ने कहा कि चीन उम्मीद करता है कि संबंधित पक्ष ‘मानव निर्मित परमाणु सुरक्षा की घटनाओं’ से बचने के लिए सावधानीपूर्वक काम करेंगे।
हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने संयुक्त राष्ट्र में चीन के एक बयान के हवाले से बताया कि वांग ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के शासकीय मंडल से कहा, ‘चीन यूक्रेन में परमाणु केंद्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।’ रूस या यूक्रेन का नाम लिए बगैर वांग ने दोनों देशों से परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘आईएईए को उसके जनादेश के अनुसार यूक्रेन में सुरक्षा स्थिति पर विचार करना चाहिए और यूक्रेन में सुरक्षा संरक्षण के मुद्दे पर उचित तरीके से निपटना चाहिए।’
यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा का विकास सोवियत काल में 1970 के दशक में राजधानी कीव के समीप चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के साथ शुरू हुआ। साथ ही चीन ने 2013 में यूक्रेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत अगर यूक्रेन पर परमाणु हमला होता है तो चीनी सरकार कीव को सुरक्षा मुहैया कराएगी।
यह पूछने पर कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के देश के परमाणु बलों को अत्यधिक चौकन्ना रहने का आदेश देने पर क्या चीन यूक्रेन की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा, इस पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बृहस्पतिवार को यहां मीडिया सम्मेलन में कहा, ‘देशों द्वारा दिए गए बयानों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 984 जैसे दस्तावेजों के अनुसार, परमाणु हथियार संपन्न देश यूक्रेन और अन्य गैर-परमाणु हथियार देशों को सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।’
चीनी राजदूत ने कहा, ‘सुरक्षा आश्वासन की स्पष्ट सीमाएं होती हैं और ये विशेष परिस्थितियों में दिए जाते हैं। यूक्रेन के मुद्दे पर, सभी पक्षों के लिए अहम बात शांत रहना और संयम बरतना, तनाव कम करना और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देना है।’ खबर के अनुसार, 1991 में सोवियत संघ से अलग हुआ यूक्रेन परमाणु ऊर्जा पर काफी हद तक निर्भर है और चार परमाणु स्थलों पर 15 संयंत्र काम कर रहे हैं जो देश के लिए बिजली पैदा करते हैं।
रूस के सशस्त्र बलों ने बीते गुरुवार को चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद से इन परमाणु केंद्रों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा हो गयी है।
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