मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। जंग के बीच रूस की तरफ से बृहस्पतिवार को कहा गया है कि उसके परमाणु सिद्धांत में बदलाव का मकसद यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों को रूस पर हमला करने में सहायता देने के प्रति चेतावनी देना है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय और आवास, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित दस्तावेज में संशोधन उन देशों के लिए एक चेतावनी संकेत है कि अगर वो हमारे देश पर हमले में शामिल होते हैं (जरूरी नहीं कि वे परमाणु हथियार हों) तो उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पुतिन ने दी चेतावनी
पश्चिम को कड़ी और नई चेतावनी देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को कहा था कि परमाणु शक्ति संपन्न किसी देश के समर्थन से कोई राष्ट्र रूस पर पारंपरिक हमला करता है, तो उसे देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा। मॉस्को के परमाणु सिद्धांत के संशोधन में उल्लिखित खतरे का उद्देश्य स्पष्ट रूप से पश्चिम को यूक्रेन को रूस पर लंबी दूरी के हथियारों से हमला करने की अनुमति देने से हतोत्साहित करना था।
रूस ने साफ कर दिया रुख
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस बात पर जोर दिया है कि रूस ऐसे पारंपरिक हमले के जवाब में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है जो ‘हमारी संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा’ हो। युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश करन के बीच यूक्रेन में रूस धीमी लेकिन अनवरत बढ़त हासिल कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में पुतिन ने अमेरिका और अन्य नाटो सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए यूक्रेन को पश्चिमी देशों से प्राप्त लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने से रूस और नाटो प्रत्यक्ष रूप से संघर्ष में उलझ जाएंगे। (एपी)
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