G-20 में पश्चिमी देशों के रवैये पर बरसा रूस, न्यू स्टार्ट के निलंबन को पुतिन ने बताया सही
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
नई दिल्लीः बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।’’ रूसी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि हमारे विरोधी, मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी7 रूस को अलग-थलग करने की कोशिशें जारी रखे हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में समस्याएं पैदा करने का उस पर आरोप मढ़ रहे हैं। रूसी मंत्रालय ने कहा, ‘‘बैठक में कभी सहमति नहीं बनी और इसके नतीजे सिर्फ अध्यक्ष (भारत) के बयान द्वारा जारी किये गये, ना कि एक संयुक्त बयान के जरिये जारी किये गये। रूस और चीन ने इस सिलसिले में एक विरोध जताया है। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक साक्षात्कार के दौरान अमेरिका के साथ न्यू स्टार्ट समझौता तोड़ने को सही ठहराया है।
रूस ने रविवार को दावा किया कि यूक्रेन में स्थिति को लेकर मास्को के प्रति पश्चिमी देशों के सामूहिक ‘‘टकरावपूर्ण’’ रुख के चलते बेंगलुरु में जी20 वित्त मंत्रियों की बैठक एक संयुक्त बयान के बगैर संपन्न हुई। यूक्रेन में युद्ध का कोई संदर्भ देने का रूस और चीन द्वारा विरोध किये जाने पर शनिवार को वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की जी20 बैठक में कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया जा सका। बैठक के अंत में, भारत ने जी20 का अध्यक्ष होने के नाते अपनी ओर से एक अध्यक्षीय बयान जारी किया। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में भारत की अध्यक्षता की रचनात्मक भूमिका और सभी देशों के हितों एवं रुखों पर निष्पक्षता से विचार करने की इसकी कोशिशों का उल्लेख किया। बयान में कहा गया है, ‘‘इस संदर्भ में बनाया गया संतुलित रुख आर्थिक वृद्धि एवं सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन सहित वैश्विक वित्त और संबद्ध क्षेत्रों में आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक अच्छा आधार तैयार करेगा।
नाटो की परमाणु क्षमताओं को नजरंदाज नहीं कर सकता रूस
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में ‘न्यू स्टार्ट’ (नयी सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि) संधि में भागीदारी को निलंबित करने के अपने देश के हालिया फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि रूस के पास उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की परमाणु क्षमताओं पर गौर करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। पुतिन ने दोहराया कि रूस के अस्तित्व को खतरा है क्योंकि उनके अनुसार नाटो सदस्य, देश की ‘‘रणनीतिक हार’’ देखना चाहते हैं। उन्होंने रूस के सरकारी टीवी को बताया कि रूस के लिए ‘‘सुरक्षा, रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने’’ की आवश्यकता के कारण ‘न्यू स्टार्ट’ की भागीदारी निलंबित करने का फैसला किया गया। पुतिन ने कहा, ‘‘जब सभी प्रमुख नाटो देशों ने हमारी रणनीतिक हार को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया है, तो हम इन परिस्थितियों में उनकी परमाणु क्षमताओं को कैसे अनदेखा कर सकते हैं?
पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि रूस ‘न्यू स्टार्ट’ संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है। यह संधि अमेरिका के साथ रूस का आखिरी बचा हुआ परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है। पुतिन ने यह भी घोषणा की थी कि वह यूक्रेन में युद्ध को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव नहीं करेंगे। इस घोषणा से पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है। ‘न्यू स्टार्ट’ संधि पर 2010 में रूस और अमेरिका ने हस्ताक्षर किए थे। यह संधि दोनों देशों द्वारा तैनात किये जा सकने वाले लंबी दूरी के परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल के उपयोग को भी सीमित करती है।
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