बीजिंग: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन के पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में यूक्रेन संकट के कारण रूस पर ज्यादा ध्यान रहने से चीन को राहत मिलने की संभावना है। पहले के संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति अक्सर चीन को ध्यान में रखकर टिप्पणी करते थे। बायडेन ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से कहा है कि अमेरिकी लोगों के खिलाफ दांव लगाना कभी ठीक नहीं होगा। बायडेन ने कहा कि अमेरिका और चीन ‘21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा जीतने’ की दौड़ में लगे हुए हैं, और संकल्प जताया कि अमेरिका एक ‘बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने वाले दशक’ की शुरुआत कर रहा है।
बायडेन ने इस साल 65,000 मील से अधिक राजमार्ग को ठीक करने, जर्जर अवस्था में पहुंच चुके 1500 सेतु की मरम्मत की योजना की घोषणा की। उन्होंने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में मंगलवार रात को कहा, ‘मैंने शी जिनपिंग को कह दिया कि अमेरिकी लोगों के खिलाफ दांव लगाना कभी ठीक नहीं होगा। हम लाखों अमेरिकियों के लिए अच्छे रोजगार सृजित करेंगे, सड़कों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और जलमार्गों का आधुनिकीकरण करेंगे। हम जलवायु संकट के विनाशकारी प्रभावों का सामना करने और पर्यावरणीय न्याय को बढ़ावा देने के लिए यह सब करेंगे।’
बायडेन के बयान में रूस और यूक्रेन का मुद्दा छाया रहा जबकि चीन के मुद्दे का ज्यादा जिक्र नहीं किया गया। मंगलवार को चीन ने सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए वॉशिंगटन पर पलटवार किया और चेतावनी दी कि ताइवान की स्वतंत्रता के लिए समर्थन दिखाने के अपने प्रयासों के लिए अमेरिका को ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी। हालांकि, बायडेन के संबोधन में ताइवान का भी कोई संदर्भ नहीं था और न ही ऐसा कुछ भी प्रतिकूल था जिसे चीन ने प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त समझा।
नामी स्तंभकार वांग शियानबेई ने हांगकांग के अखबार ‘साउथ मार्निंग पोस्ट’ में अपने नए स्तंभ में लिखा है, ‘निस्संदेह, मौजूदा संकट (यूक्रेन में) ने अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के साथ चीन के कटु संबंधों में एक नया आयाम जोड़ दिया है।’ उन्होंने कहा कि जैसा कि यह संकट अगले कुछ वर्षों के लिए अमेरिका समेत कई अन्य देशों का ध्यान आकर्षित करने के लिए तैयार है, बहुत संभावना है कि चीन के खिलाफ उनका संयुक्त मोर्चे का दबाव कम हो जाएगा।
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