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सऊदी अरब और ईरान के बीच फिर ठनी, Saudi ने ईरानी पत्रकारों को नहीं करने दिया हज; भेजा वापस

सऊदी अरब ने ईरानी पत्रकारों को हज से रोकते हुए उनके देश वापस भेज दिया है। इस पूरे मामले को लेकर सऊदी अरब की तरफ से कहा गया है कि यह सभी लोग वीजा नियमों का उल्लंघन कर काम कर रहे थे।

Mecca Masjid Saudi Arabia- India TV Hindi Image Source : AP Mecca Masjid Saudi Arabia

दुबई: ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंध हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं। इस बीच ईरान ने की तरफ से कहा गया है कि सऊदी अरब ने उसके सरकारी टेलिविजन ब्रॉडकास्टर के छह पत्रकारों को देश से निकाल दिया है। ईरान की तरफ से जानकारी देते हुए कहा गया है कि पत्रकारों को देश वापस भेजने से पहले लगभग एक हफ्ते तक हिरासत में रखा गया था। इसके बाद उन्हें हज से पहले सऊदी अरब से वापस भेज दिया गया। 

सऊदी अरब ने दिया जवाब 

ईरान की बात का जवाब देते हुए सऊदी अरब ने कहा कि यह सभी अपने वीजा नियमों का उल्लंघन कर काम कर रहे थे। खास बात यह है कि घटना रियाद और तेहरान के बीच चीन की मध्यस्थता से हुए समझौते के एक साल बाद हुई है। वैसे सऊदी अरब में पवित्र स्थलों को लेकर दोनों सुन्नी और शिया देशों के बीच दशकों से तनाव रहा है। हज के समय तो यह तनाव अपने चरम पर रहता है।  

आखिर हुआ क्या 

ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि यह सब एक हफ्ते पहले तब शुरू हुआ जब पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद में कुरान की आयतों की रिकॉर्डिंग करते समय कर्मीदल के तीन सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। उन्हें हिरासत में लिए जाने के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया, लेकिन कहा कि “कई घंटों की पूछताछ” के बाद उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया। सरकारी टीवी ने कहा इसके दो दिन बाद सऊदी पुलिस ने ईरान के अरबी भाषा के अल आलम चैनल के एक पत्रकार और एक अन्य सरकारी टीवी पत्रकार को हिरासत में ले लिया। यह तब हुआ जब वो ईरानी तीर्थयात्रियों के साथ प्रार्थना सेवा में भाग लेने के लिए कार से उतरे थे। एक अन्य रेडियो पत्रकार को मदीना के एक होटल में हिरासत में लिया गया। सरकारी टीवी के अनुसार, सभी को बाद में रिहा कर दिया गया और हज का अवसर दिए बिना ही ईरान निष्कासित कर दिया गया। 

सामान्य नहीं रहे हैं संबंध 

बता दें कि, दुनिया के सबसे बड़े शिया मुस्लिम देश ईरान और सुन्नी बहुल सऊदी अरब ने 2016 में अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे। सऊदी अरब ने प्रमुख शिया मौलवी निम्र अल-निम्र को फांसी दे दी थी। सऊदी के शिया मौलवी को फांसी का ईरान ने जमकर विरोध किया था। विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ईरान में दो सऊदी राजनयिक मिशनों पर धावा बोल दिया था जिसके बाद सऊदी ने ईरान से अपने संबंध तोड़ लिए थे। 

ईरानियों के हज करने पर भी पाबंदी

दोनों देश पहले भी अपने राजनयिक संबंध तोड़ चुके हैं। सऊदी अरब ने इससे पहले 1987 में हज के दौरान दंगों और फारस की खाड़ी में शिपिंग पर ईरान के हमलों को लेकर 1988 से 1991 तक ईरान के साथ संबंध तोड़ दिए थे। इस दौरान ईरान के लोगों के सऊदी अरब जाकर हज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। 2016 में भी जब राजनयिक रिश्ते खत्म हुए थे तब भी सऊदी अरब ने ईरान के लोगों के हज यात्रा पर पाबंदी लगा दी थी। 2024 में ईरान के लोग हज यात्रा के लिए जा रहे हैं। इस साल हज की शुरुआत 14 जून को हो रही है जो 19 जून तक चलेगी। (एपी)

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