Iran Hijab News: ईरान में महिलाओं ने हिजाब पहनने की अनिवार्यता के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है। अपनी हिजाब न पहनने की मांग को मनवाने के लिए बड़ी संख्या में ईरान की महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर बड़े बड़े प्रदर्शन किए। इन महिलाओं को शासन प्रशासन की कड़ी कार्रवाइयों का भी सामना करना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान कड़ी कार्रवाई के चलते महसा नाम की महिला की हिरासत के दौरान मौत भी हो गई थी। इसी बीच ईरान की संसद ने हिजाब पर बड़ा फैसला लिया है और कड़ा हिजाब कानून बनाया है।
हिजाब का विरोध करने पर महसा को लिया गया था हिरासत में
ईरान की संसद ने सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य इस्लामी ‘हेडस्कार्फ’ (हिजाब) पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं और उनका समर्थन करने वालों के लिए सजा के प्रावधान वाले एक विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी। यह कदम 22 वर्षीय महसा अमिनी की बरसी के कुछ ही दिनों बाद आया, जिसे हिजाब का विरोध करने के लिए नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था। महसा की हिरासत में मौत को लेकर देश में महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। पुलिस पर आरोप लगे कि उसने महसा को प्राताड़ित किया, जिसके बाद उनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
उल्लंघन करने पर 10 साल तक की कैद
जानकारी के अनुसार 16 सितंबर 2022 को महसा की मौत हो गई थी। ईरान की संसद में पारित इस विधेयक में अनिवार्य हिजाब नहीं पहने महिलाओं को सेवाएं मुहैया कराने वाले प्रतिष्ठानों के मालिकों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यदि अपराध संगठित तरीके से होता है तो उल्लंघनकर्ताओं को 10 साल तक की सजा हो सकती है। विधेयक को ईरान की 290 सीटों वाली संसद में 152 सांसदों द्वारा पारित किया गया है। इसे संवैधानिक निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करने वाली ‘गार्जियन काउंसिल’ द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होगी। यह तीन साल की प्रारंभिक अवधि के लिए प्रभावी होगा।
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