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Hindi News विदेश एशिया बांग्लादेश में फिर शुरू हुए प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने अब सुप्रीम कोर्ट का किया घेराव; जानें क्या है मांग

बांग्लादेश में फिर शुरू हुए प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने अब सुप्रीम कोर्ट का किया घेराव; जानें क्या है मांग

बांग्लादेश में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। अब प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया। इससे पहले बांग्लादेश में व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था साथ ही उन्हें देश तक छोड़ना पड़ा था।

Bangladesh Protest- India TV Hindi Image Source : FILE AP Bangladesh Protest

ढाका: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। अंतरिम सरकार बनने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। अब प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सहित सभी न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव कर लिया है और अपनी मांग पर अड़े हैं। ‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचार पत्र क खबर के अनुसार प्रदर्शनकारियों, जिनमें अधिकतर छात्र शामिल हैं, उन्होंने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया है और चीफ जस्टिस के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

शेख हसीना को छोड़ना पड़ा देश

नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ बांग्लादेश में व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था साथ ही उन्हें देश तक छोड़ना पड़ा था। शेख हसीना के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप चुना गया है। बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम सरकार ने ‘बड़े देशों' के साथ ढाका के संबंधों में ‘संतुलन' बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

भारत में हैं शेख हसीना

शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं जिसे लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही हैं। शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की तरफ से कह गया है कि भारत में रहने का पूर्व प्रधानमंत्री का फैसला पूरी तरह से उनका और भारतीय अधिकारियों का है। बीएनपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रवक्ता अमीर खसरू महमूद चौधरी ने कहा, ‘‘अभी, वह (हसीना) बांग्लादेश में हत्याओं और लोगों को जबरन गायब करने से लेकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जैसे कई अपराधों में वांछित हैं।’’ चौधरी ने कहा कि यह ‘‘खुद हसीना और भारत सरकार का निर्णय है कि उन्हें पड़ोसी देश में रहना चाहिए या नहीं।’’ 

छात्र नेताओं को मिला मंत्रालय

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के मुख्य समन्वयकों में से एक छात्र नेता नाहिद इस्लाम को देश की नवगठित अंतरिम सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी और डाक मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। छात्र आंदोलन के एक अन्य प्रमुख नेता आसिफ महमूद को युवा एवं खेल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। 

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