Maldives News: मालदीव में आखिरकार चीन समर्थक सरकार बन गई। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीनी समर्थक माने जाते हैं, आते ही वह भारत के लिए सिरदर्द बन गए हैं। यह बात राष्ट्रपति ने अपनी जीत के मौके पर दिए अपने भाषण में साफ कर दी। मुइज्जू अपने देश से विदेशी सेनाओं को हटाने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। ऐसे में उनका इशारा साफ भारत की तरफ है। क्योंकि भारतीय सेना मालदीव में तैनात रहती है। मुइज्जू ने इस बात पर जोर दिया है कि देशवासियों की इच्छा के विरुद्ध मालदीव में कोई भी विदेशी सैनिक नहीं रहेगा। उनकी मानें तो कार्यभार के पहले दिन से ही वह विदेशी सैनिकों को हटाने की कोशिशें शुरू कर देंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद सोमवार रात राष्ट्रपति मोहम्मद एक सोशल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। यहां बोलते हुए उन्होंने मालदीव की आजादी तय करने की प्रतिज्ञा को दोहराया, जिसकी वजह से उनका मानना है कि उन्हें वोट मिले हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये कोशिशें उनके शपथ लेने के तुरंत बाद शुरू हो जाएंगी। इस संबंध में उन्होंने कानून के दायरे में रहकर मालदीव से विदेशी सैनिकों को हटाने के अपने इरादे की पुष्टि की।
भारत के साथ रिश्तों पर कही ये बात
मुइज्जू ने कहा, 'इसलिए, जो राजदूत मुझसे मिलने आएंगे, उनसे मुझे यही कहना है कि करीबी रिश्तों के लिए यही एक शर्त है।' मुइज ने वादा किया कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीत गए तो वह मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को हटा देंगे। साथ ही देश के व्यापार संबंधों को संतुलित करेंगे। साल 2018 में जब मालदीव में चुनाव हुए तो भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह के हाथ में कमान आई थी। उन राष्ट्रपति चुनावों के बाद विपक्ष ने भारतीय सेना की मौजूदगी पर चिंता जताई थी। विपक्ष ने दावा किया कि भारतीय सेना की मौजूदगी के साथ ही मालदीव को भी भारत को सौंप दिया गया है। सोलिह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था।
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