कंगाली...महंगाई और भुखमरी, ये है पाकिस्तान का हाल; जानिए फिर भी क्यों बम-बारूद पर लुटा रहा 'माल'
पाकिस्तान कर्ज के लिए पूरी दुनिया में घूमता है। IMF से भी आस लगाए रहता है कि कुछ मिल जाए। जनता महंगाई से परेशान है लेकिन इस हाल में भी कंगाल पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट बढ़ाया है।
Pakistan Defense Budget: पाकिस्तान कंगाली की कगार पर खड़ा है। भुखमरी जैसे हालात हैं और महंगाई चरम पर है। खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। आटा 800 रुपए किलो बिक रहा तो दूध के दाम 300 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं। ऐसे में एक पुरानी बात याद आती है जब पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो विदेश मंत्री हुआ करते थे। उन्होंने एक सभा में कहा था कि ‘पाकिस्तानी घास खा लेंगे, भूखे रह लेंगे, मगर परमाणु बम जरूर बनाएंगे। उनकी कही हुई बात का मतलब आज पाकिस्तनी आवाम को अच्छे से समझ में आ रही होगी। पाकिस्तान को आज आटे-दाल-चावल का भाव मालूम पड़ रहा है।
बढ़ता जा रहा है रक्षा बजट
ये तो हुई पाकिस्तान की असली सच्चाई लेकिन यह बात खुद इस मुल्क को समझ में नहीं आ रही है। ऐसा कहने के पीछे कारण है और वजह यह है कि बेतहाशा महंगाई के बाद भी पाकिस्तान का रक्षा बजट बढ़ता ही जा रहा है। जानकारों की माने तो यह किसी नए खतरे का संकेत भी हो सकता है। देखने वाली बात यह है कि, हाल ही में पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जो आमतौर पर काफी ज्यादा है। पाकिस्तान ने अपने कुल 18,877 अरब रुपए के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 15 फीसदी का इजाफा किया है। इस साल पाकिस्तान का रक्षा बजट 2122 अरब रुपए हो गया है।
आखिर क्या है पाकिस्तान का मकसद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान भारत के मुकाबले में ताकतवर दिखना चाहता है। उसका मिशन है कि किसी भी हाल में भारत को नुकसान पहुंचाया जाए। ऐसे में उसे लगता है कि भले ही आर्थिक मोर्चे पर उसकी हालत खराब हो जाए, मगर भारत के खिलाफ जंग की तैयारी में वह कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा। पाकिस्तान की यही सोच उसके लिए घातक बन गई है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
पाकिस्तान लगातार मांग रहा कर्ज
भारत से डर या मुकाबला, जो चाहें कह लें लेकिन यही वजह है कि पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 15 फीसदी का इजाफा किया है। भले ही पाकिस्तान ने रक्षा बजट बढ़ा दिया हो लेकिन कर्ज के बिना उसकी दाल गलने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान अपने मुल्क को कंगाल होने से बचाने के लिए IMF से बार-बार पैसों की गुहार लगाता रहा है। पाकिस्तानी नेता झोली फैलाकर चीन और सऊदी अरब जैसे मुल्कों का दरवाजा भी खटखटाते रहे हैं। भुखमरी की हालत में जी रहे पाकिस्तान को लेकर IMF की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि उसे अगले पांच साल के दौरान 123 अरब डॉलर की फंडिंग की जरूरत होगी। इतना पैसा पाकिस्तान कहां से लाएगा यह देखने वाली बात होगी।
पाकिस्तान में जबरदस्त महंगाई
हाल ही में पाकिस्तान के अखबार डॉन में एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान में जबरदस्त महंगाई से जूझ रहा है, महंगाई दर 38 फीसदी तक बढ़ गई है, जो साउथ एशिया में सबसे ज्यादा है। खाद्य महंगाई दर भी 48 फीसदी तक पहुंच गई है, जो 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। अब ऐसे में जब महंगाई चरम पर है और पाकिस्तान को अपने लोगों के बारे में सोचना चाहिए, उनकी मुसीबतों को कम करने की कोशिश करनी चाहिए तो वह बम और बारूद में आग लगाने तो तैयार बैठा है।
महंगाई के पीछे की कहानी
पाकिस्तान में लगातार महंगाई बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। कर्ज बढ़ना और अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार महंगाई के बुनियादी कारण माने जा सकते हैं। यह जानना भी जरूरी है कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को कर्ज देने के साथ कुछ शर्तें भी रखी थीं। इन शर्तों में से एक सब्सिडी को खत्म करना भी शामिल था। शर्त की वजह से पाकिस्तान की सरकार को सब्सिडी खत्म करनी पड़ी। इसका असर यह हुआ कि खाने-पीने की चीजों से लेकर बुनियादी जरूरत की चीजें महंगी होती जा रहीं हैं। पाकिस्तान की करंसी भी 50 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो गई है, इसके कारण आयात महंगा हो गया है। अब ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं कि पाकिस्तान की हालत क्या है। वैसे भी वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि अर्थव्यवस्था का झटका एक करोड़ लोगों को गरीबी की ओर धकेल सकता है वो भी तब पहले ही पाकिस्तान की लगभग 10 करोड़ आबादी गरीबी में जी रही है।
खुद हो गया बर्बाद
पाकिस्तान की हालत आज ऐसी हो गई है कि भारत का 1 रुपया पाकिस्तान के 3 रुपए के बराबर हो गया है। वहीं, बांग्लादेश का एक टका भी पाकिस्तान के ढाई रुपए से ज्यादा है। पाकिस्तान की करीब 10 करोड़ की आबादी गरीबी की हालत में जी रही है। पाकिस्तान में एक दौर वह भी था, जब इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के प्रमुख रहे हामिद गुल ने भारत विरोधी मुहिम को आगे बढ़ाया। बेरोजगार युवाओं को पैसे कमाने का लालच देकर जिहाद का रास्ता अपनाने के लिए गुमराह किया गया। जनरल जिया उल हक और हामिद गुल ने ही पाकिस्तान का खुफिया मकसद तय किया कि भारत को बर्बाद करना है, मगर हुआ इसके उलट। पाकिस्तान आज उस रास्ते पर चलकर बर्बाद हो गया है।
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