Pakistan News: एक कहावत है कि जब रोम जल रहा था तो उस देश का शासक नीरो सुख-चैन की बांसुरी बजा रहा था। यह कहावत पाकिस्तान के लिए चरितार्थ होती दिख रही है। कंगाल पाकिस्तान दुनियाभर में कटोरा लेकर धन की भीख मांग रहा है, वहीं इस देश के आर्मी अफसरों की 'देशभक्ति' देखिए कि देश की सुध लेना छोड़कर अपनी अय्याशियों में मस्त हैं। वैसे भी इस आर्मी ही परोक्ष रूप से इस देश को चलाती है। लेकिन पाक अफसर बड़े बड़े गोल्फ कोर्स तके लाखों की स्टिक के साथ गोल्फ खेलने और लग्जरी व तड़क भड़क वाली लाइफ जीने में मशरूफ हैं।
हजारों एकड़ में फैले हुए हैं बड़े बड़े गोल्फ कोर्स
पाकिस्तान में जन्मे एक बैरिस्टर ने सेना के शीर्ष जनरलों की लग्जरी जीवन शैली और विशेष विशेषाधिकारों का आनंद लेने के लिए उनकी आलोचना की है, जबकि देश कंगाली की हालत से गुजर रहा है और अवाम भूखे मर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोकप्रिय ब्रिटिश-पाकिस्तानी बैरिस्टर खालिद उमर ने हाल ही में अपने ट्वीट में तस्वीरों का एक कोलाज साझा किया, जिसमें देश के आर्मी अफसरों को विशेष रूप से बड़े और लग्जरी गोल्फ कोर्स की तस्वीरें दिखाई हैं। उन्होंने इन तस्वीरों के माध्यम से बताया कि यह 200 इलीट वर्ग के गोल्फ कोर्सों में से एक था। इनमें से प्रत्येक 1900 एकड़ में फैला हुआ है।
मजदूर के एक महीने की सैलरी से ज्यादा है गोल्फ स्टिक की कीमत
बैरिस्टर उमर यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि एक गोल्फ स्टिक की कीमत ही एक मजदूर की एक महीने की सैलरी से ज्यादा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'यह जनरल का पाकिस्तान है जो दिवालिया होने की औपचारिक घोषणा के कगार पर है।'
बैरिस्टर के पाक आर्मी पर ट्वीट पर पूर्व भारतीय सेना प्रमुख का ये जवाब
बैरिस्टर के ट्वीट का जवाब देते हुए, पूर्व भारतीय सेना प्रमुख वेद मलिक ने कहा कि ये विशेषाधिकार दूसरों के बीच एक कारण थे कि क्यों पाकिस्तान सेना देश में राजनीति और सत्ता पर अपनी पकड़ नहीं छोड़ेगी। पाकिस्तान में, सैन्य अधिकारियों को बहुत सारे विशेषाधिकार प्राप्त हैं। लेकिन जो बात देश में बहुतों को परेशान करती है वह यह है कि सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें जमीन का एक बड़ा हिस्सा मिलता है। आयशा सिद्दीका, एक प्रमुख रक्षा विश्लेषक, अपनी पुस्तक – मिलिट्री इंक: इनसाइड पाकिस्तान मिलिट्री इकोनॉमी में लिखती हैं कि पाकिस्तान की सेना के पास देश की 12 प्रतिशत भूमि है, जिसमें से दो-तिहाई वरिष्ठ अधिकारियों के स्वामित्व में है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान इन दिनों ऐतिहासिक कंगाली की हालत से गुजर रहा है। देश की इकोनॉमी को चलाने के लिए पैसे ही नहीं हैं। विदेशी मुद्रा भंडार रसातल में पहुंच रहा है। आटे दाल के भाव आसमान छू रहे हैं। लेकिन फिर भी इस देश के आर्मी अफसर आरामतलबी में जीवर गुजार रहे हैं, अय्याशियों में डूबे हैं। लाखों रुपए अपने लग्जरी शौक में बर्बाद कर रहे हैं।
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