पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, एक शख्स की मौत; कई लोग हुए घायल
पाकिस्तान में कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। झड़प के दौरान पुलिस की तरफ से किए गए लाठीचार्ज में एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं।
कराची: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक धार्मिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को नागरिक एवं मानवाधिकार प्रदर्शनकारियों से भिड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। पुलिस की तरफ से किए गए लाठीचार्ज में एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सिंध रवादारी मार्च (एसआरएम) के प्रदर्शनकारी ईशनिंदा के संदिग्ध शाहनवाज कुनभर की हत्या और ‘‘सिंध में चरमपंथ’’ के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ‘कराची प्रेस क्लब’ (केपीसी) के सामने जमा हुए थे, उसी समय धार्मिक-राजनीतिक पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान’ (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं ने केपीसी में घुसने की कोशिश की।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पुलिस और अर्धसैनिक रेंजर ने ‘तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान’ प्रदर्शनकारियों को रोका और उनकी एसआरएम के प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प भी हुई। टेलीविजन और सोशल मीडिया पर प्रसारित फुटेज में पुलिस केपीसी के बाहर महिलाओं सहित प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते देखी गई। जिसके बाद हालात बिगड़ते हुए नजर आए।
कई लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हालात को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछारें किए जाने और आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सैयद असद रजा ने कहा, ‘‘दोनों समूहों से संबंधित प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।’’ जांच भी शुरू कर दी गई है।
मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता
इस बीच, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने कराची पुलिस की ओर से शांतिपूर्ण सभा आयोजित करने का प्रयास करते समय सिंध रवादारी मार्च से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने एक बयान में कहा, "पुलिस ने HRCP के अध्यक्ष असद इकबाल बट को भी गिरफ्तार करने का प्रयास किया है और उन्हें प्रेस से बात ना करने की चेतावनी दी है।" पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने हिरासत में लिए गए लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है।
सिंध मानवाधिकार आयोग (SHRC) ने सिंध रवादारी मार्च में भाग लेने वालों के साथ किए गए व्यवहार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "SHRC का कहना है कि आंदोलन की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है।" SHRC ने कहा, "ऐसे अधिकारों का सम्मान करना, उनकी रक्षा करना और उन्हें पूरा करना राज्य का कर्तव्य है।" (एपी)
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