इस्लामाबादः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) अब भारत में मिलने को बेताब हो चुका है। आजाद कश्मीर के लोग पाकिस्तानी फौज और पुलिस को अपने इलाकों से डंडों से मार-मार कर भगा रहे हैं। सेना के वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं। हिंसा से पीओके के हालात बेकाबू हो चुके हैं। इससे पाकिस्तान घबरा गया है। दरअसल पीओके के लोग बढ़ती महंगाई और सड़क, पानी, बिजली की घोर किल्लतों से आजिज आ चुके हैं। वह पाकिस्तान और पाकिस्तानी फौज से नफरत करने लगे हैं। पीओके के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान की हुकूमत और सेना उनका शोषण कर रही है, उनके हकों पर डाका डाल रही है। दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां तरक्की के नये-नये आयाम गढ़े जा रहे हैं। इससे पीओके के लोग यहां जैसी तरक्की के लिए भारत की ओर देखने लगे हैं।
पीओके के एक नेता ने यहां तक अपील कर दी है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र में पीओके का मुद्दा उठाकर उस पर बात करनी चाहिए। अब पीओको के अपने हाथों से निकलता देख पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी होश उड़ गए हैं। उन्होंने लोगों को समझाने-बुझाने के लिए बृहस्पतिवार को को एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों की समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने के लिए बनाई गई है। इससे 2 दिन पहले ही शहबाज ने पीओके के लिए 23 अरब का पैकेज वहां की समस्याओं के समाधान के लिए दिया था। मगर अब लोग भारत में विलय की मांग पर डट गए हैं।
आसमान छूती महंगाई और कंगाली से पाकिस्तान से खफा हुए लोग
पीओके में आटे की ऊंची कीमतों और बढ़े हुए बिजली बिलों व करों के चलते लोग बेहद गुस्से में हैं। हाल में प्रदर्शन कर रहे लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान एक पुलिसकर्मी और तीन नागरिकों की मौत हो जाने के बाद हालात और भी बेकाबू हो गए हैं। इस झड़प में कई लोग घायल भी हुए हैं। इस बीच पीएम शहबाज शरीफ ने पीओके की क्षेत्रीय राजधानी मुजफ्फराबाद का दौरा भी किया। शहबाज ने कहा कि लोगों ने ‘‘अपनी वास्तविक मांगों के लिए आवाज उठाई थी, लेकिन इसके बीच कुछ उपद्रवियों ने दंगा करने की कोशिश की।’’ सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, क्षेत्रीय सरकार की कैबिनेट की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए शहबाज ने स्थानीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया है।
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