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Hindi News विदेश एशिया PM मोदी-शोल्ज ने की इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमले की निंदा, "परमाणु हमले की धमकी अस्वीकार्य"

PM मोदी-शोल्ज ने की इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमले की निंदा, "परमाणु हमले की धमकी अस्वीकार्य"

पीएम मोदी और जर्मनी की चांसलर ओलाफ शोल्ज ने आज शुक्रवार को अपनी बैठक के दौरान इजरायल पर 7 अक्तूबर को हुए हमास के आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। भारत और जर्मनी ने संयुक्त वक्तव्य जारी करके इसे बड़ा आतंकवादी कृत्य बताया है। साथ ही यूक्रेन युद्ध पर गहरी चिंता जाहिर की।

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और पीएम मोदी। - India TV Hindi Image Source : PTI जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और पीएम मोदी।

नई दिल्लीः पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच आज शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमले की निंदा की गई। भारत और जर्मनी ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर इजरायल पर हुए नरसंहार को हमास का आतंकी हमला करार दिया और साथ ही कड़ी निंदा की। बता दें कि हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर बड़ा आतंकी हमला किया था, जिसमें करीब 1200 इजरायली मारे गए थे। हमास आतंकियों ने इस दौरान 238 इजरायलियों को बंधक बना लिया था। 

हमास के इस आतंकी हमले से बौखलाया इजरायल अब तक गाजा और लेबनान में भीषण हवाई हमले कर रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हमास और लेबनाना में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को पूरी तरह से खत्म कर देने की कसम खाई है। अब तक इजरायली हमले में हमास के दोनों चीफ इस्माइल हानिया उर्फ इस्माइल हनियेह और याह्या सिनवार समेत सैकड़ों कमांडर व आतंकी मारे जा चुके हैं। इसके अलावा लेबनान में इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को भी मौत के घाट उतार दिया था। 

परमाणु हथियारों का इस्तेमाल और धमकी अस्वीकार्य

अपनी बैठक के दौरान पीएम मोदी और ओलाफ शोल्ज ने करीब ढाई वर्ष से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के दुखद मानवीय परिणामों को लेकर गहरी चिंता जाहिर ही। पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने यूक्रेन में युद्ध और इसके दुखद मानवीय परिणामों पर संयुक्त बयान जारी करके गहरा शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही भारत-जर्मनी ने संयुक्त रूप से परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी को अस्वीकार्य बताया। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता दोहराई, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप हो और इसमें संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान भी शामिल हो।

वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध में यूक्रेन में युद्ध के ‘‘नकारात्मक प्रभावों’’ पर भी गौर किया, विशेष रूप से विकासशील और कम विकसित देशों के लिए। इसमें कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि युद्ध के संदर्भ में परमाणु हथियारों का ‘‘इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी’’ ‘‘अस्वीकार्य’’ है।

 

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