सिंगापुर में भारतीय मूल के एक शख्स ने नाबालिग लड़की की मदद के बहाने उसके जिस्म का सौदा कर डाला। 17 वर्षीय लड़की पांचवीं मंजिल पर सीढ़ियों से उतरते वक्त फिसल कर गिर गई, तभी वहां मौजूद शख्स ने उसको उठाने में मदद कर दी। लड़की ने इसके बदले व्यक्ति को चाय पिलाई, मगर वह इससे संतुष्ट नहीं हुआ। शख्स ने मदद के बदले लड़की की अस्मत ही मांग ली। इसके बाद दोनों एक घंटे तक साथ रहे। व्यक्ति ने लड़की के साथ संबंध बनाया। अब ये मामला सिंगापुर की अदालत में पहुंच गया है, जहां आरोपी ने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया है। अब अदालत इस मामले में आरोपी मददगार को सजा सुनाएगी। आइए आपको बताते हैं कि पूरी घटना कैसे घटी?
सिंगापुर सशस्त्र बल (एसएएफ) में भारतीय मूल के एक वारंट अधिकारी ने नाबालिग के साथ संबंध बनाने का आरोप मंगलवार को स्वीकार कर लिया। ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार, सुब्रमण्यम थबुरन रंगास्वामी (50) को इस मामले में एक फरवरी को सजा सुनाई जाएगी और इस दौरान दो अन्य आरोपों पर भी गौर किया जाएगा। अदालत ने पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करने का आदेश दिया, जिसकी उम्र वर्तमान में 17 वर्ष है और घटना के वक्त उसकी उम्र 15 वर्ष थी। उप लोक अभियोजक सुनील नायर ने बताया कि घटना स्कूल की छुट्टियों के दौरान छह दिसंबर 2021 की है।
ऐसे घटी घटना
उप लोक अभियोजक सुनील नायर के अनुसार लड़की की सुबह 11 बजे स्कूल काउंसर के साथ ऑनलाइन माध्यम से बैठक थी, लेकिन उसके घर में कई लोग थे। इसलिए वह एकांत में बातचीत करने के लिए एक बहुमंजिला कार पार्किंग क्षेत्र में गई थी। उन्होंने बताया कि करीब एक घंटे बाद पांचवीं मंजिल से नीचे उतरते समय वह सीढ़ियों से गिर गई और इस दौरान वहां मौजूद सुब्रमण्यम (50) ने उसकी मदद की। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने सुब्रमण्यम का आभार व्यक्त किया और घर चली गई। इस दौरान सुब्रमण्यम भी अपनी मोटरसाइकिल की ओर बढ़ा तभी लड़की घर से चाय का एक ‘केन’ ले आई और दोनों कार पार्किंग के चौथे तल पर बैठकर बात करने लगे। एक घंटे के बाद दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ी और दोनों ने संबंध भी बनाए। इसके बाद दोनों वहां से चले गए।
घटना के 2 दिन बाद लड़की ने दर्ज कराया मामला
घटना घटने के दो दिन बाद लड़की ने सुब्रमण्यम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रथम वारंट अधिकारी सुब्रमण्यम को गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया। सिंगापुर के एक अखबार ने मंत्रालय की एक प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘एसएएफ अदालती सुनवाई खत्म होने के बाद आगे की कार्रवाई करेगा, उसे सेवा से बर्खास्त भी किया जा सकता है।’’ (भाषा)
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