खुद का देश संभल नहीं रहा और मालदीव की मदद करने चला पाकिस्तान, पाक पीएम काकर ने मोइज्जू से की बात
पाकिस्तान कंगाली के गर्त में जा रहा है। इकोनॉमी भगवाान भरोस चल रही है। महंगाई से पाकिस्तान की जनता त्रस्त है। ऐसे में कटोरा लेकर पैसे की भीख मांगने वाले ऐसे पाकिस्तान ने मालदीव का विकास में मदद का भरोसा दिया है।
Pakistan on Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू जब से राष्ट्रपति बने हैं, भारत विरोधी कदम उठा रहे हैं। चीन परस्त राष्ट्रपति मोइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सेना को वापस इंडिया भेजने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल भारत आकर बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत का विरोध करने वाले मालदीव की मदद करने के लिए कंगाल पाकिस्तान आगे आया है। पाक्स्तिान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवरुल हक काकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू से फोन पर बात कर विकास में मदद का भरोसा दिया।
सवाल यह उठता है कि कंगाल पाकिस्तान से खुद का देश तो संभल नहीं रहा और मालदीव की मदद करने चला। भारतीय पर्यटकों के मालदीव का बायकॉट करने के बाद मालदीव का पर्यटन उद्योग प्रभावित हुआ है। ऐसे में कंगाल पाकिस्तान जिसकी खुद की इकोनॉमी गर्त में जा रही है, महंगाई आसमान पर है वो कंगाल पाकिस्तान मालदीव की मदद करने की बात कर रहा है।
जानकारी के अनुसार भारत से तनातनी के बीच मालदीव के समर्थन में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आगे आया है। पाकिस्तान ने मालदीव को विकास कार्यों में मदद देने का भरोसा दिया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवरुल हक ककार ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। और विकास में मदद का भरोसा दिया। क्षेत्रीय सहयोग के अलावा दोनों नेताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर बातचीत हुई।
मालदीव और पाकिस्तान का कॉमन 'फ्रेंड' है चीन
बता दें कि मालदीव और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 26 जुलाई 1966 को हुई थी। दोनों देशों के बीच एक और मजबूत कड़ी चीन है। पाकिस्तान को एक तरह से चीन का सदाबहार दोस्त माना जाता है जबकि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू भी चीन समर्थक हैं।.
कैसे शुरू हुआ भारत और मालदीव में तनाव?
पीएम नरेंद्र मोदी हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा पर गए और इसकी खूबसूरती की तुलना मालदीव से की। इस पर मालदीव में मोइज्जू सरकार के मंत्री आगबबूला हो गए और तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। हालांकि इन मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया। लेकिन इसके बाद से ही दोनों देशों में तनातनी बढ़ी है। वहीं मोहम्मद मोइज्जू ने भारत को दरकिनार पर अपने दोस्त चीन की पहली आधिकारिक यात्रा की। इस यात्रा से मोइज्जू ने उस परंपरा को तोड़ा, जिसमें कोई भी मालदीव का राष्ट्रपति चुने जाने पर पहले भारत की यात्रा करता है। ऐसे में मोइज्जू अपनी 'हरकतों' की वजह से दोनों देशों में तनातनी बढ़ा रहे हैं।