Pakistan News: पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद ने अपने संसद के साथियों पर आरोप लगाया है कि वे उनसे हिंदू धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बनने का दबाव बनाते हैं। हिंदू सांसद का आरोप है कि संसद के मुस्लिम सांसद उन्हें कहते हैं कि ‘कलमा पढ़कर मुस्लिम हो जाओ।‘ दानिश का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पाकिस्तानी हिंदू सांसद दानिश कुमार जो कि बलूचिस्तान के नेता हैं, उन्होंने संसद में अपने वक्तव्य के दौरान आक्रोश में कहा कि मुझ पर मुस्लिम बनने का दबाव है। मुझे इस्लाम के उपदेश न दिए जाएं। उन्होंने कहा कि ‘पहले अपराधी मुसलमानों को इस्लाम सिखाओ फिर मुझसे मेरा धर्म बदलने के लिए कहना।‘
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई पर भी गरजे हिंदू सांसद
हिंदू सांसद दानिश पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और गरीबी की हालत पर चिंता जताते हुए अपना वक्तव्य दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि रमजान के पवित्र महीने में भी खाद्य जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।‘ दानिश ने ये भी कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि मुझसे ये वादा किया जाए कि जब तक उन लोगों से इस्लाम का पालन नहीं करवाते, तब कर मुझ पर तब्लीग नहीं करेंगे‘।
2018 में सांसद बने थे दानिश कुमार
दानिश कुमार 2018 में बलूचिस्तान अवामी पार्टी से अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर सांसद चुने गए थे। इससे पहले वो बलूचिस्तान की विधानसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। दानिश इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हक को लेकर आवाज उठा चुके हैं।
हिंदुओं पर हमलों को लेकर यूएन भी जता चुका है चिंता
दरअसल, पाकिस्तान के हिंदुओं पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। इस पर संयुक्त राष्ट्र भी चिंता जाहिर कर चुका है। यूएन ने इससे पहले जनवरी के महीने में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे जुर्म को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। यूएन के 12 एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तान में अपहरण, धर्म परिवर्तन करवाने, छोटी उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी। पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के मुताबिक, हर साल करीब एक हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदलवा दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां सिंध प्रांत के गरीब हिन्दू समुदाय से आती हैं।
बलूचिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े
बलूचिस्तान में रहने वाले हिंदुओं पर हाल के समय में अत्याचार बढ़े हैं। आए दिन हत्या की खबरें सामने आती हैं। इस पर वहां रहने वाले हिंदू आवाज भी उठाते हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। पिछले दिनों होली के पर्व पर भी कुछ मौलानाओं ने भड़काउ बयान दिया था कि यदि हिंदुओं को होली बनाना हैं, तो दिल्ली, मुंबई में बनाएं, पाकिस्तान में नहीं। इस तरह के मामलों पर पाकिस्तान की सरकार उदासीन रवैया बनाए रखती है।
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