बीजिंग: फलस्तीन के प्रतिद्वंद्वी समूहों हमास और फतह ने वर्षों से जारी आपसी मतभेदों को खत्म करने के लिए बीजिंग में एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। चीन की सरकारी मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, उसने दोनों पक्षों में हुए समझौते के संबंध में कोई और ब्योरा नहीं दिया। सरकारी प्रसारणकर्ता ‘सीसीटीवी’ के मुताबिक, फलस्तीन के दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों ने “मतभेद खत्म करने और फलस्तीनी एकता को मजबूत करने” के संबंध में बीजिंग घोषणापत्र पर दस्तखत किए हैं।
पहले भी कई बार हुई वार्ता
हमास और फतह पहले भी कई बार साथ मिलकर काम करने की बात कह चुके हैं, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच घोषणापत्र पर हस्ताक्षर की खबर ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम पर सहमति कायम होती नजर आ रही है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी का अहम रोल
चीनी टेलीविजन चैनल ‘सीजीटीएन’ ने सोशल मीडिया मंच ‘वीबो’ पर एक पोस्ट में कहा कि फलस्तीन के दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों ने 12 अन्य राजनीतिक गुटों के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और इसके साथ ही उनमें रविवार को शुरू हुई बातचीत का समापन हुआ।
हमास ने फतह के लड़ाकों को खदेड़ा
हमास के वर्ष 2007 में हिंसक संघर्ष के दौरान फतह के लड़ाकों को गाजा पट्टी से खदेड़कर क्षेत्र पर कब्जा किए जाने के बाद हमास और फलस्तीनी प्राधिकरण के बीच कई दौर की एकता वार्ता हो चुकी है। हालांकि, सत्ता को लेकर दोनों समूहों के बीच टकराव और फलस्तीन में हमास को शामिल करने वाली किसी भी सरकार को पश्चिम के मान्यता ना देने से क्षेत्र में शांति और एकता कायम करने के प्रयासों को झटका लगा है। (एपी)
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