इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कराची में एक मस्जिद ने एक लापता लड़की के नाम का ऐलान करने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वह 'शिया' मुसलमान थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची की रहने वाली 14 साल की दुआ जेहरा काजमी (Dua Zehra Kazmi) पिछले कई दिनों से लापता हैं। उनके परिजनों ने दावा किया कि कराची की एक स्थानीय मस्जिद ने उनके नाम का ऐलान करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वे लोग शिया मुसलमान हैं। बच्ची के पिता ने कहा कि उन्होंने बच्ची के नाम का ऐलान करने के लिए मस्जिद में जाकर गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने नाम लेने से इनकार कर दिया।
‘मस्जिद ने कहा हम नाम का ऐलान नहीं कर सकते’
दुआ के पिता ने कहा, ‘जिस दिन मेरी बच्ची गुम हुई, मैंने मस्जिद में जाकर उसके नाम का ऐलान करवाने की कोशिश की। मस्जिद में कहा गया कि हम इस नाम का ऐलान नहीं कर सकते, क्योंकि वह शिया समुदाय से है।’ पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दुआ के पिता ने कहा कि वह पिछले 1.5 साल से स्कूल भी नहीं जा रही थी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी बेटी नहीं मिली तो वह पूरे परिवार के साथ गवर्नर हाउस के सामने आत्महत्या कर लेंगे।
‘मैं अपनी बेटी को जिंदा देखना चाहती हूं’ दुआ की मां ने बिलखते हुए कहा, ‘मैं अपनी बेटी को जिंदा देखना चाहती हूं। मैं 2 बच्चों की मां हूं। मैं जैनब की तरह उसकी लाश नहीं लूंगी। अगर मेरे पास उसकी लाश लाई गई तो मैं उसे गवर्नर हाउस के बाहर रखूंगी।’ रिपोर्ट्स के मतुाबिक, सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कराची पुलिस को निर्देश दिए हैं कि बच्ची को सुरक्षित बरामद किया जाए। इस बीच दुआ के पिता ने कहा है कि उनको फिरौती के लिए भी फोन आया था।
पुलिस ने दुआ की तलाश में डाली रेड, मिली दूसरी लड़कीपाकिस्तान के कराची के गोल्डन टाउन इलाके में स्थित अपने घर के बाहर से गायब हुई बच्ची का पता लगाने की कोशिश मे पुलिस ने कई जगह रेड भी डाली है। इसी कड़ी में पुलिस ने संगहार में रेड डाली थी, लेकिन वहां से जो लड़की बरामद हुई वह दुआ नहीं थी। घटना के बारे में बताते हुए पुलिस ने कहा कि वहां लड़की को जबरदस्ती रखा गया था, और अब वह उसके घर और परिवार से जुड़ी जानकारी जुटा रही है।
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