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Hindi News विदेश एशिया PM शहबाज शरीफ की कसम को निभा रही है पाकिस्तान की सेना, छापेमारी कर 11 आतंकियों का किया खात्मा

PM शहबाज शरीफ की कसम को निभा रही है पाकिस्तान की सेना, छापेमारी कर 11 आतंकियों का किया खात्मा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कसम खाई थी है कि वो आतंकवाद को खत्म कर देंगे। अब उनकी इस कसम का असर भी नजर आने लगा है। पाकिस्तान सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

Pakistan Army- India TV Hindi Image Source : FILE AP Pakistan Army

डेरा इस्माइल खान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने मुल्क से 'आतंकवाद को खत्म' करने का संकल्प लिया था। अब शहबाज के संकल्प का असर भी नजर आने लगा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में तालिबान के गढ़ माने जाने वाले इलाके में एक आतंकवादी ठिकाने पर छापेमारी कर 11 आतंकियों को मार गिराया है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी है। 

पाकिस्तानी सेना को मिली थी खुफिया जानकारी 

पाकिस्तान की सेना ने एक बयान में कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई यह छापेमारी रविवार को सड़क किनारे हुए बम विस्फोट के जवाब में की गई थी, जिसमें अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवत जिले में पाकिस्तानी सेना के सात सैनिक मारे गए थे। सेना ने बयान में कहा कि क्षेत्र में पाए जाने वाले किसी भी अन्य आतंकवादी को खत्म करने के लिए अभियान अभी भी जारी है और सुरक्षा बल पाकिस्तान में आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए पूरी तरह से संकल्पित हैं। 

शहबाज शरीफ का सख्त रुख 

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए आतंकवादी हमले में एक कैप्टन समेत सात सैनिकों की मौत हो गई थी। रविवार को लक्की मरवत जिले के सरबंद पोस्ट, कच्ची कमर की ओर जा रहे सुरक्षाकर्मियों के काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था।  आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "लक्की मरवत जिले में हुए आतंकी हमले में एक कैप्टन समेत पाकिस्तानी सेना के जवानों की शहादत से मुझे गहरा दुख हुआ है।" उन्होंने कहा था, "हमारे बहादुर सैनिकों और नागरिकों का बलिदान हम पर एक ऋण है जिसे हमें अपने देश से आतंकवाद को समाप्त करके चुकाना होगा।"

किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी 

रविवार के हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, हालांकि इसके लिए पाकिस्तानी तालिबान को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के नाम से जाना जाता है। टीटीपी अफगान तालिबान का सहयोगी संगठन है। पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर अफगानिस्तान के तालिबान शासकों पर टीटीपी लड़ाकों को शरण देने का आरोप लगाते हैं, हालांकि काबुल इस आरोप से बार-बार इनकार करता है। (एपी)

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