पेशावर: पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी कुर्रम जिले में हिंसक झड़पों में शामिल जनजातियों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके बाद हिंसा रूक गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है। लगभग एक सप्ताह से जारी हिंसक झड़पों में 50 लोगों की मौत हो गई है और 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को जिरगा (स्थानीय पंचायत) नेताओं के हस्तक्षेप के बाद शांति समझौता किया गया।
समझौते का उल्लंघन करने पर देना होगा जुर्माना
उपायुक्त जावेद उल्लाह महसूद ने कहा कि शांति समझौते के बाद अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में झड़पें बंद हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि शांति समझौता कुर्रम जिले में संघर्षरत शिया और सुन्नी गुटों के बीच दो अलग-अलग आयोजित जिरगा बैठकों में हुआ। दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत दोनों जनजातियां सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में सरकार के साथ सहयोग करने पर सहमत हुई हैं। समझौते के अनुसार, शांति समझौते का उल्लंघन करने वाले किसी भी पक्ष को 12 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
Image Source : apPakistan Tribes Clash
हिंसक झड़प कई इलाकों में बढ़ी
पुलिस और जिला प्रशासन के अनुसार, कुर्रम जिले में सुन्नी और शिया जनजातियों के बीच एक सप्ताह पहले झगड़ा शुरू हुआ था। इस दौरान जनजातियों और धार्मिक गुटों के बीच हिंसक संघर्ष के साथ-साथ कई सांप्रदायिक झड़पें और आतंकवादी हमले भी हुए। बोशेहरा और मालीखेल जनजातियों के बीच झड़पें तेज होती गईं जिसने बाद में सांप्रदायिक रंग ले लिया। इस के बाद हिंसा पीवर, तांगी, बालिशखेल, खार कलाय, मकबल, कुंज अलीजई, पारा चमकानी और करमन सहित कई अन्य क्षेत्रों में फैल गई। अधिकारियों ने खतरनाक रूप लेते जा रहे हिंसक संघर्ष को खत्म कराने के लिए आदिवासी बुजुर्गों, सैन्य नेतृत्व, पुलिस और जिला प्रशासन की मदद से शिया और सुन्नी जनजातियों के बीच समझौता कराया। (भाषा)
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