अमेरिका की मदद से TTP के ठिकानों पर बम बरसाएगा पाकिस्तान, तालिबान ने भी कसी कमर
पिछले कुछ दिनों से तालिबान का नेतृत्व पाकिस्तान को लगातार किसी भी तरह के संघर्ष में न फंसने की चेतावनी दे रहा है, लेकिन अब मामला आर-पार की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है।
इस्लामाबाद: भारत में आतंकियों का सबसे बड़ा सप्लायर पाकिस्तान आज खुद आतंक से जूझ रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने इस मुल्क और यहां की आर्मी के नाक में दम कर रखा है। पाकिस्तान आर्मी और TTP के आतंकियों के बीच चूहे और बिल्ली का खेल जारी है। इस खेल में कभी TTP भारी पड़ रहा है, तो कभी पाकिस्तान के सुरक्षाबल, लेकिन दोनों ही सूरतों में नुकसान पाकिस्तान का ही हो रहा है। ऐसे में खबर आई है कि पाकिस्तान अब अमेरिका की मदद से TTP के ठिकानों पर हमला करने का प्लान बना रहा है।
TTP पर हमला करना क्यों नहीं है आसान?
दरअसल, TTP को अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान का परोक्ष समर्थन हासिल है। तालिबान में पश्तूनों का वर्चस्व है और TTP में भी ज्यादातर लीडरशिप पोजिशन पर पश्तून ही हैं। पाकिस्तान में पश्तूनों की एक बड़ी आबादी है जो खुद को TTP के साथ खड़ी पाती है। वहीं, इस संगठन के तमाम लड़ाके अफगानिस्तान की धरती पर हैं और वहीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। ऐसे में अगर पाकिस्तान बॉर्डर पार करके हमले करता है तो तालिबान के साथ उसके रिश्ते बदतरीन दौर में पहुंच सकते हैं।
पाकिस्तान को मिला अमेरिका का साथ
TTP के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान को अमेरिका का साथ मिल रहा है, और यह बात तालिबान को निश्चित तौर पर नाराज करने वाली है। ऐसे में आने वाले दिनों में पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों में और खटास आना तय है। पिछले कुछ दिनों से तालिबान का नेतृत्व पाकिस्तान को लगातार किसी भी तरह के संघर्ष में न फंसने की चेतावनी दे रहा है। वहीं, सोमवार को पाकिस्तान ने ऐलान किया था कि वह TTP को कुचलने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, और इस ऐलान के पीछे अमेरिका का समर्थन ही है।
इतना बड़ा खतरा क्यों उठा रहा पाकिस्तान?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान इतना बड़ा खतरा क्यों उठा रहा है। दरअसल, आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रही पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था पहले से ही अपने घुटनों पर है। ऐसे में उसे TTP के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए पैसे चाहिए, और अमेरिका को भी इलाके में दबदबा बनाए रखने के लिए जमीन चाहिए। ऐसे में पाकिस्तान और अमेरिका एक दूसरे के हितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में 7,000 से 10,000 TTP आतंकवादी अपने परिवार के 25 हजार लोगों के साथ अफगानिस्तान में मौजूद हैं।
पाकिस्तान को जवाब देने को तैयार तालिबान
उधर तालिबान ने भी पाकिस्तान का जवाब देने की तैयारी की हुई है। तालिबान के नेता और जनरल पहले ही पाकिस्तान को बार-बार कह रहे हैं कि अगर उनकी संप्रभुता की कीमत पर कोई ऐक्शन हुआ तो वह भी पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान को आने वाले दिनों में एक जंग तालिबान के साथ भी लड़नी पड़ सकती है। आमने-सामने की लड़ाई में तालिबान भले ही पाकिस्तान से उन्नीस हो, लेकिन छापामार लड़ाई में वह क्या कर सकता है, यह अमेरिका से बेहतर कौन जान सकता है।