कर्ज और भूख से बेहाल पाकिस्तान, अब भारत में शामिल होना चाहते हैं गिलगित और बाल्टिस्तान
भूख और तंगी ने पाकिस्तान को बेहाल कर दिया है। इससे गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग भी बेहाल हैं। आसमान छूती महंगाई में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में आग लग गई है। आटा 200 रुपये प्रतिकिलो के पार पहुंच गया है। दाल, सब्जी, तेल, चीनी इत्याजि रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं के दाम भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुके हैं।
Gilgit and Baltistan Demand to Join India: भूख और तंगी ने पाकिस्तान को बेहाल कर दिया है। इससे गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग भी बेहाल हैं। आसमान छूती महंगाई में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में आग लग गई है। आटा 200 रुपये प्रतिकिलो के पार पहुंच गया है। दाल, सब्जी, तेल, चीनी इत्याजि रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं के दाम भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुके हैं। लिहाजा पाकिस्तान में दो वक्त की रोटी लोगों को नसीब नहीं हो पा रही है। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और नौजवानों को भूखों रात गुजारनी पड़ रही है। ऐसे में भुखमरी से परेशान गिलगित और बाल्टिस्तान के लोगों को अब अपना साथी भारत याद आ रहा है। इन दोनों प्रांतों के लोग खुद को भारत में शामिल किए जाने की मांग को लेकर सड़क पर व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे पाकिस्तानी हुकूमत की सांसें फूलने लगी हैं।
आपको बता दें कि गिलगित और बाल्टिस्तान वही इलाका है, जो कभी अखंड भारत का हिस्सा हुआ करता था। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अभी हाल ही में कहा था कि भारत की विकासयात्रा तब तक पूरी नहीं होगी, जब तक कि वह अपने पुराने हिस्से गिलगित और बाल्टिस्तान को भी फिर से हासिल नहीं कर लेता। पीओके भी भारत का अहम हिस्सा है जो फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे में है। भारत ने वर्ष 1994 में एक अहम प्रस्ताव भी पारित किया था, जिसमें कहा था कि वह अपने खोये हिस्से गिलगित और बाल्टिस्तान को फिर से हासिल करेगा। यह अहम संयोग ही है कि गिलगित और बाल्टिस्तान रक्षामंत्री के बयान के कुछ वक्त बाद ही खुद को भारत में शामिल किए जाने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में सड़क पर हैं और पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ नारे व विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
आटे की किल्लत और बेहिसाब महंगाई के खिलाफ फूटा गुस्सा
गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग छह जनवरी से सड़क पर हैं। आटे की किल्लत और खाने-पीने की वस्तुओं के आसमान में पहुंचे दाम खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। गिलगित-बाल्टिस्तान के अलावा विवादित कश्मीर क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा प्रशासित क्षेत्र में भी यह विरोध प्रदर्शन जारी है। नागरिकों ने लगातार 9वें दिन बिजली की कीमतों में वृद्धि, कर वृद्धि, जमीन पर कब्जा, और गेहूं की कमी का जोरदार विरोध विरोध किया। इस दौरान गिलगित और बाल्टिस्तान के लोगों ने भारत में शामिल होने की मांग तेज कर दी है। कंगाल पाकिस्तान को अब इन प्रांतों के लोग और अधिक दिन तक नहीं झेलना चाहते। इससे पहले भी कई बार गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग खुद को भारत में मिलाए जाने की मांग कर चुके हैं।
पाकिस्तान पर शोषण का आरोप
महंगाई और भूख से बेहाल गिलगित, बाल्टिस्तान और पीओके के लोगों ने पाकिस्तान सरकार पर शोषण का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि सरकार ने उनकी आर्थिक उन्नति के लिए कुछ नहीं किया। लिहाजा आज भी वह सभी नारकीय जिंदगी जी रहे हैं। इन प्रांतों के लोगों का मानना है कि यदि वह भारत में शामिल होते तो शायद उनकी ऐसी दुर्दशा नहीं होती। लिहाजा लोग विशाल जनसमूब में पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं और जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
गिलगित और बाल्टिस्तान दोनों ही इलाके कभी लद्दाख के हिस्से हुआ करते थे। मगर अब पाकिस्तान में हैं। इस क्षेत्र के लोगों का यह भी आरोप है कि पाकिस्तान चीन से भी उनका शोषण करवा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान ने इसके बड़े इलाके को चीन को दे दिया है, जो यहां प्राकृतिक संशाधनों का दोहन कर लोगों की रोजी-रोटी छीन रहा है। इसलिए गिलगित, बाल्टिस्तान और पीओके क्षेत्र के लोग अब पाकिस्तान से खुद को आजाद करना चाहते हैं।