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Hindi News विदेश एशिया पाकिस्तान में गुरुद्वारे में जबरन घुसे उपद्रवी, गुरु ग्रंथ साहिब से की बेअदबी, पुलिस ने नहीं लिया एक्शन

पाकिस्तान में गुरुद्वारे में जबरन घुसे उपद्रवी, गुरु ग्रंथ साहिब से की बेअदबी, पुलिस ने नहीं लिया एक्शन

पाकिस्तान के सिंध में एक गुरुद्वारे में चल रहे कीर्तन को कुछ उपद्रवियों ने न सिर्फ रुकवा दिया बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब के साथ कथित तौर पर बेअदबी भी की।

Pakistan Sikhs, Pakistan Sikhs Attacked, Pakistan Sikhs Gurdwara Attacked- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/PUNEET_SAHANI पाकिस्तान में एक गुरुद्वारे में चल रहे कीर्तन को रुकवाने की घटना सामने आई है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहा अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ देश के अधिकांश लोग मुफलिसी में जी रहे हैं, तो दूसरी तरफ मजहबी कट्टरता भी अपने उफान पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध में  गुरु नानक देव की स्पर्शस्थली गुरुद्वारा तक्खर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब के साथ बेअदबी की खबर सामने आ रही है। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही पेशावर में 2 सिखों की हत्या के बाद मुल्क में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए थे।

‘गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की’
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के गुरुद्वारा तक्खर साहिब में कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमला बोलकर गुरबानी पाठ रुकवा दिया। उन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों से बकरीद के मौके पर किसी भी अन्य धर्म के पाठ के चलने का विरोध किया और उन्हें गुरुद्वारे से बाहर जाने को कहा। बताया जाता है कि इस दौरान आरोपियों ने गाली-गलौज भी की और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की। स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन्होंने आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले भी किया लेकिन पुलिस ने सभी को बगैर किसी एक्शन के छोड़ दिया। पाकिस्तान में ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा आरोपियों को छोड़ा जाना आम है।


‘पुलिस ने FIR तक दर्ज नहीं की’
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस ने गुरुद्वारे में पहुंचकर हंगामा करने वालों के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं की। बता दें कि पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। कई बार अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को किडनैप कर न सिर्फ उनके साथ बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है बल्कि कई बार बलात्कारियों से ही उनका निकाह भी करवा दिया जाता है। कई बार अल्पसंख्यकों को ईशनिंदा कानून के तहत भी फंसा दिया जाता है। वहीं, बीते कुछ दिनों सिख समुदाय के लोगों पर कई हमले भी हुए हैं।

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