तालिबानी आतंकियों ने पाकिस्तान को पिछली कुछ महीनों में उसकी नानी याद दिला दी है। पाकिस्तानी सेना पर भी तालिबानी आतंकी भारी पड़ने लगे हैं। ऐसे में पाकिस्तान परेशान हो उठा है। तालिबान के अत्याधुनिक और घातक हथियारों के जखीरे को देखकर पाकिस्तान घबरा उठा है। लिहाजा अब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इस बात की गहन जांच करने का आग्रह किया है कि प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अफगानिस्तान में ‘‘विदेशी ताकतों’’ की ओर से छोड़े गए परिष्कृत सैन्य उपकरण कैसे हासिल किए। पाकिस्तान को आशंका है कि अफगानिस्तान को यह हथियार उपलब्ध कराने में किसी और देश का सहयोग प्राप्त है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने पड़ोसी अफगानिस्तान से संचालित होने वाले कई आतंकवादी समूहों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बुधवार को कहा, ‘‘हमने केवल इस वर्ष इन हमलों में अपने सैकड़ों बहादुर सैनिकों और नागरिकों को खो दिया है और पिछले सप्ताह, टीटीपी से संबद्ध समूह ने डेरा इस्माइल खान में हमारे सुरक्षाकर्मियों पर एक जघन्य हमला किया, जिसमें 23 से अधिक सैनिकों की मौत हो गई थी।’’ पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में 12 दिसंबर को पाकिस्तानी तालिबान से संबंधित आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों की चौकी को विस्फोटक से लदे वाहन से टक्कर मार देने के कारण लगभग 23 सैनिक मारे गए थे।
टीटीपी आतंकियों के पास उन्नत हथियार
अकरम अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टीटीपी और उससे संबद्ध संगठनों ने उनके देश की धरती पर सीमा पार से कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि टीटीपी आतंकवादियों द्वारा उन्नत सैन्य उपकरण हासिल करने और उनकी ओर से इनका इस्तेमाल किये जाने के कारण ये हमले अधिक घातक हो गए हैं। अकरम उन अमेरिकी हथियारों का जिक्र कर रहे थे जो अगस्त 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में छोड़ दिए गए थे। अकरम ने कहा कि पाकिस्तान की मांग है कि संयुक्त राष्ट्र को यह पता लगाने के लिए जांच करानी चाहिए कि ये हथियार टीटीपी के कब्जे में कैसे आये। (भाषा)
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