इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत को दक्षेस प्रक्रिया में बाधा डालने का जिम्मेदार बताया और आरोप लगाया कि उसका 'अदूरदर्शी रवैया' क्षेत्रीय सहयोग के इस मूल्यवान मंच को तेजी से पंगु बना रहा है। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल है। यह संगठन साल 2016 से बहुत प्रभावी नहीं है और साल 2014 में काठमांडू में हुए द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से इसका कोई सम्मेलन नहीं हुआ है।
‘भारत बैठक में ऑनलाइन शामिल हो सकता है’
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा कि भारत का दक्षेस प्रक्रिया में बाधा डालना एक स्थापित तथ्य है। भारत ने गुरुवार को कहा था कि उस स्थिति में कोई ‘ठोस बदलाव’ नहीं हुआ है, जिससे रुके हुए दक्षेस शिखर सम्मेलन को आयोजित किया जा सके। इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा था कि इस्लामाबाद शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है और अगर भारत व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं लेना चाहता है तो वह इसमें ऑनलाइन शामिल हो सकता है।
इफ्तिखार ने बागची के बयान को झूठ बताया
कुरैशी के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था, ‘हमने दक्षेस शिखर सम्मेलन के बारे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणियों के संबंध में मीडिया की खबरें देखी हैं। आप इस पृष्ठभूमि से अवगत हैं कि 2014 के बाद से दक्षेस शिखर सम्मेलन क्यों नहीं हुआ। तब से स्थिति में कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए, अभी भी कोई आम सहमति नहीं है, जो शिखर सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति देती हो।’ इफ्तिखार ने बागची के बयान को झूठ बताकर खारिज कर दिया।
भारत ने सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी
इफ्तिखार ने एक बयान में कहा कि भारत ने अपने पक्षपातपूर्ण कारणों से प्रेरित होकर तथा चार्टर प्रावधानों का उल्लंघन कर 2016 में पाकिस्तान में होने वाले 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन को बाधित किया था। साल 2016 का दक्षेस शिखर सम्मेलन मूल रूप से 15-19 नवंबर को इस्लामाबाद में आयोजित होना था, लेकिन उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी।
‘मूल्यवान मंच को पंगु बना रहा है भारत’
बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद में सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था। इफ्तिखार ने कहा भारत का 'अदूरदर्शी रवैया' क्षेत्रीय सहयोग के इस मूल्यवान मंच को तेजी से पंगु बना रहा है। (भाषा)
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