Pakistan: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का इस वित्त वर्ष व्यापार घाटा बढ़कर 48.66 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह एक साल पहले 30.96 अरब डॉलर था। यह बीते एक साल की तुलना में 57% अधिक है। जो अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है। पकिस्तानी मीडिया की खबरों में रविवार को बताया गया कि आयात उम्मीद से कहीं अधिक रहने से व्यापार घाटा बढ़ा है। आपको बता दें कि पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से जून होता है।
सरकार की कोशिशों के बावजूद बढ़ा घाटा
‘द डॉन’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ सरकार ने मई में 800 से अधिक गैरजरूरी लग्जरी सामान के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद व्यापार घाटा काफी ज्यादा रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जून माह में पाकिस्तान का व्यापार घाटा 32% अधिक बढ़कर 4.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 3.66 अरब डॉलर था। समाप्त वित्त वर्ष के लिए व्यापार घाटा 2017-18 के 37 अरब डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर से कहीं अधिक रहा है। उस समय आयात मुख्य रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के रास्ते बढ़ा था।
वित्त वर्ष 2019-20 में घटा था व्यापार घाटा
वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा घटकर 31.8 अरब डॉलर रह गया था। यह 2019-20 में और कम होकर 23.2 अरब डॉलर पर आ गया था। 2020-21 में व्यापार घाटा फिर बढ़कर 30.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। पाकिस्तान बीते कुछ सालों से आर्थिक रूप से कमजोर होता नजर आ रहा है। उस पर कर्ज लगातार बढ़ रहे हैं। 2021-22 में पाकिस्तान का आयात बिल 43.45 प्रतिशत बढ़कर 80.51 अरब डॉलर हो गया है, जो एक साल पहले 56.12 अरब डॉलर था। पाकिस्तान ने नकदी के संकट की कमी दूर करने के लिए 22 जून को आईएमएफ के साथ रुके हुए 6 बिलियन अमरीकी डॉलर की मदद पैकेज को बहाल करने और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण के लिए एक समझौता किया है। जुलाई 2019 में 39 महीनों के लिए 6 बिलियन अमरीकी डॉलर की एक्टेंडेड फंड फैकल्टी पैकेज पर सहमति भी की गई थी। जिसमें से अब तक सिर्फ आधा फंड ही वापस किया जा सका है।
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