पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार भारत का PM बनने पर दी बधाई
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है।
Shahbaz Sharif Congratulated PM Narendra Modi: भारत में हुए लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो गया है। नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। अब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पीएम मोदी को बधाई दी है। चीन से लौटने के बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक्स पर लिखे अपने संक्षिप्त संदेश में कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आपको बधाई। शरीफ भारत के पड़ोसी देशों से एकमात्र प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें नई दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।
नरेंद्र मोदी को बधाई
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पोस्ट कर पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए नरेंद्र मोदी को बधाई।
पीएम मोदी ने दिया जवाब
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद कहते हुए जवाब दिया है।
पीएम मोदी ने ली शपथ
बता दें कि, भारत में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। मोदी सरकार 3.0 में कुल मंत्रियों की संख्या 72 हैं, जिसमें 30 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा होंगे। इनके अलावा 5 मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। वहीं, 36 सांसदों को राज्य मंत्री का पद दिया गया है।
पाकिस्तान को रखा दूर
भारत में नई सरकार के गठन के बाद शपथ ग्रहण समारोह में जहां सभी पड़ोसी देशों को बुलाया था वहीं पाकिस्तान को इससे दूर ही रखा गया था। यहां तक कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान जैसे पड़ोसी देशों के नेता भी भारत आए और उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया।
सामान्य नहीं भारत-पाक संबंध
पांच अगस्त 2019 को भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को कमतर कर दिया था। तब से दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं। भारत ने लगातार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है, और अच्छे संबंध के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने के लिए इस्लामाबाद को जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।
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