विपक्षी नेताओं पर देश के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए गए राजद्रोहों के आरोपों पर पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) के प्रमुख से सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में सबूत पेश करने को कहा है।
खान ने आरोप लगाया है कि इस्लामाबाद में सरकार को बदलने की कोशिशें किसी अन्य देश के साथ ‘‘स्पष्ट मिलीभगत’’ का परिणाम हैं। इसी के मद्देनजर शरीफ ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम से यह मांग की।
खान ने विपक्ष पर विदेशी शक्तियों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले षड्यंत्र के तहत नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, क्योंकि उन्होंने रूस और चीन के मामलों पर उसका समर्थन करने से इनकार कर दिया था। अमेरिका ने खान के आरोपों से इनकार किया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए दोहराया कि विपक्ष के किसी भी नेता ने राजद्रोह नहीं किया है।
70 वर्षीय नेता ने कहा, ‘हमने किसी विदेशी ताकत को आमंत्रित नहीं किया और ना ही हम किसी विदेशी षड्यंत्र में शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि यह मामला स्पष्ट हो जाना चाहिए। शरीफ ने कहा, ‘मैं चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और आईएसआई के महानिदेशक से इस मामले का संज्ञान लेने और यदि हमने राजद्रोह किया है, तो उच्चतम न्यायालय में इस संबंध में सबूत पेश करने की मांग करता हूं।’
अविश्वास कर दिया था खारिज- शीर्ष पीएमएल-एन नेता ने कहा कि वह इस अनुरोध को उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी पेश करेंगे, जो नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री खान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के खिलाफ विपक्षी दलों के मामले की सुनवाई कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम पिछले साढ़े तीन साल से यह मामला उठा रहे हैं कि यह सरकार और प्रधानमंत्री अवैध हैं।’ उन्होंने शिकायत की कि जब संयुक्त विपक्ष ने अपने संवैधानिक अधिकार का पालन करते हुए प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, तो सरकार ने ‘‘विदेशी साजिश’’ का मुद्दा उठाया।
पीएमएल-एन नेता ने कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा रविवार को नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के बाद, उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में उनसे कोई पत्र नहीं मिला है। शरीफ ने राष्ट्रपति अल्वी और प्रधानमंत्री खान दोनों को संविधान का उल्लंघन करने वाला करार दिया।
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