इस्लामाबाद: मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को पाकिस्तान की एंटी टेरर कोर्ट ने 31 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सईद पर कोर्ट ने 3 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज सईद को कोर्ट ने टेरर फंडिंग के 2 मामलों में सजा सुनाई है। इससे पहले ऐसे 5 मामलों में 70 वर्षीय कट्टरपंथी मौलवी को पहले ही 36 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे मिली 68 साल कैद की कुल सजा एक साथ चलेगी। हाफिज सईद मुंबई में साल 2008 के आतंकी हमले में वांछित है।
'जेल में सईद को शायद ज्यादा वक्त न बिताना पड़े'
एक वकील ने बताया कि संभव है सईद को ज्यादा साल जेल में नहीं बिताने पड़ें क्योंकि उसकी सजा साथ-साथ चलेगी। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक अदालत (ATC) के जज एजाज अहमद भुट्टर ने पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग द्वारा दर्ज 2 प्राथमिकी 21/2019 और 90/2019 में सईद को 32 साल की जेल की सजा सुनाई। अधिकारी ने कहा, '21/19 और 99/21 में उसे पहले भी क्रमशः साढ़े 15 साल और साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी' अदालत ने सईद पर 3.4 लाख पाकिस्तानी रुपयों का जुर्माना भी लगाया।
'सईद को कोट लखपत जेल से अदालत लाया गया'
वकील ने कहा कि सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत में लाया गया, जहां वह 2019 से कड़ी सुरक्षा में कैद है। संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादी सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। उसे जुलाई 2019 को आतंक के वित्तपोषण के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए अग्रणी संगठन है, जो 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।
जून 2021 में हाफिज के घर के बाहर हुआ था ब्लास्ट
बता दें कि पिछले साल जून में लाहौर स्थित हाफिज सईद के घर के बाहर जबरदस्त कार बम धमाका हुआ था जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हो गए थे। हमले के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसुफ ने आरोप लगाया था कि लाहौर में हाफिज सईद के आवास के पास विस्फोट में भारत का हाथ है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों का करारा जवाब दिया था।
पाकिस्तान के आरोपों पर भारत ने दिया था करारा जवाब
पाकिस्तानी एनएसए के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ ‘आधारहीन दुष्प्रचार में शामिल होना कोई नयी बात नहीं है। पाकिस्तान को अपने घर को दुरूस्त करना चाहिए तथा उसकी धरती से उपजने वाले आतंकवाद के खिलाफ पुष्टि करने योग्य कदम उठाना चाहिए ।’ उन्होंने कहा था कि जब आतंकवाद की बात आती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान विश्वसनीयता के बारे में बखूबी जानता है। बागची ने कहा कि यह बात उस समय भी स्पष्ट हो जाती है जब उसके नेता ओसामा बिन लादेन को शहीद बताते हैं।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच आया फैसला
आतंकी सईद पर यह फैसला पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच आया है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल असेंबली भंग करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को गलत ठहरा दिया था, जिसके बाद असेंबली फिर से बहाल हुई। अब शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना है।
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