A
Hindi News विदेश एशिया Pakistan FATF Grey List: ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए छटपटा रहा है पाकिस्तान, इस सूची में डालते ही क्यों हो जाता है पागल, जानिए क्या है पूरा मामला

Pakistan FATF Grey List: ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए छटपटा रहा है पाकिस्तान, इस सूची में डालते ही क्यों हो जाता है पागल, जानिए क्या है पूरा मामला

Pakistan Fatf Grey List: ग्रे लिस्ट में डालते ही पाकिस्तान पागल हो जाता है। इस लिस्ट निकलने के लिए कई सालों से पाकिस्तान लगा हुआ है। पेरिस में कल फैसला आ जाएगा। इस लिस्ट में कई बार पाकिस्तान को डाला गया और निकाला गया है।

Pakistan FATF Grey list- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Pakistan FATF Grey list

Highlights

  • पाकिस्तान जल्द ही ग्रे लिस्ट से बाहर हो जाएगा
  • एशिया प्रशांत समूह ने पाकिस्तान में गए थे
  • देश लगभग 52 महीनों से ग्रे लिस्ट में शामिल है

Pakistan FATF Grey list: पाकिस्तान को कल अच्छी खबर मिल सकती है क्योंकि पेरिस में शुक्रवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय पूर्ण सत्र के दौरान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा देश को अपनी ग्रे सूची से बाहर निकालने की उम्मीद लगाया हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस बैठक में विदेश के  राज्य मंत्री हिना रब्बानी शामिल होने के लिए पेरिस पहुंच चुकी हैं। वहीं आपको बता दें कि एफएटीएफ शुक्रवार और शनिवार को टी. राजा कुमार की दो साल की सिंगापुर प्रेसीडेंसी के तहत अपना पहला पूर्ण सत्र आयोजित करेगा।

सम्मेलन खत्म होने के बाद परिणाम घोषणा होगा 
पेरिस स्थित वैश्विक निगरानी संस्था ने कहा कि "अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, इंटरपोल और वित्तीय खुफिया इकाइयों के एग्मोंट ग्रुप सहित वैश्विक नेटवर्क और पर्यवेक्षक संगठनों के 206 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि पेरिस में कार्य समूह और पूर्ण बैठकों में भाग लेंगे।" वॉचडॉग बैठक समाप्त होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में परिणामों की घोषणा करेगा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश लगभग 52 महीनों से ग्रे लिस्ट में शामिल है। 

पाकिस्तान में गई थी एफटीएफ की टीम 
इस साल सितंबर में, एक 15 सदस्यीय एफएटीएफ निरीक्षण दल और उसके सिडनी स्थित क्षेत्रीय सहयोगी, एशिया प्रशांत समूह ने पाकिस्तान में गए थे। टीम के सदस्यों ने देश के नियमों, विनियमों और संस्थागत तंत्रों का आकलन किया। एफएटीएफ टीम ने मंत्रालयों, संबंधित विभागों, नियामकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रखी गई व्यवस्थाओं की जांच की ताकि यह वेरिफाई किया जा सके कि ये सिस्टम और प्रक्रियाएं स्थायी आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए टिकाऊ थीं या नहीं।

वित्त मंत्री ने दिया था आश्वासन 
पिछले महीने पाकिस्तान का दौरा करने वाली टीम द्वारा मूल्यांकन की जांच के बाद पूर्ण निर्णय अंतिम निर्णय करेगा। टीम की रिपोर्ट के आधार पर, एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को कार्रवाई की योजना को लागू करने के लिए देश के कदमों की पुष्टि करने के बाद राहत प्रदान करने की उम्मीद है। वित्त मंत्री इशाक डार ने पिछले हफ्ते वाशिंगटन में मीडिया से बात करते हुए आश्वासन दिया था कि पाकिस्तान जल्द ही ग्रे लिस्ट से बाहर हो जाएगा।

इससे पहले भी किया था प्रयास 
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को अपनी कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्रों में मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा माना जाता है। इस्लामाबाद ने तब से अपना नाम ग्रे लिस्ट से हटाने का प्रयास किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को दो अलग-अलग कार्य योजनाओं को एक साथ लागू करने का काम सौंपा और देश ने निगरानी की शर्तो को पूरा किया है।

रिपोर्ट से उम्मीद है कि बाहर निकल जाए
इस साल जून में, एफएटीएफ ने संतोष व्यक्त किया कि देश ने सभी 34 बिंदुओं का अनुपालन किया और देश द्वारा की गई प्रगति को सत्यापित करने के लिए एक ऑनसाइट दौरे की सिफारिश की। इस्लामाबाद ने 27 सूत्री कार्य योजना के तहत इन कमियों को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धताएं कीं। लेकिन बाद में कार्रवाई बिंदुओं की संख्या बढ़ाकर 34 कर दी गई। तब से देश एफएटीएफ की 40 सिफारिशों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ अपनी कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एफएटीएफ और उसके सहयोगियों के साथ सख्ती से काम कर रहा है।

क्या होता है FATF
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक इंटरगवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन है। G7 देशों की अगुवाई में इसकी में स्थापना में की गई थी। साल 1989 में इसकी नींव रखी गई थी। FATF का मुख्यालय पेरिस में स्थित है। इस ऑर्गेनाइजेशन का उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉड्रिंग और टेरर फडिंग पर नजर बनाए रखना। इसमें कुल 39 देश और क्षेत्रीय संगठन शामिल है। इसका सदस्य भारत, अमेरिका, रुस, चीन और ब्रिटेन भी है। आपको बता दें कि 2006 में भारत आब्जर्वर के रूप में इसमें शामिल हुआ था। 25 जून 2010 में भारत इसका सदस्य बन गया। 

पाकिस्तान को डाला गया निकाला गया 
आपको बता दें कि पाकिस्तान को 2008 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। पाकिस्तान को चेतावनी के साथ फंडिंग और मनी लॉड्रिंग पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। फिर इसके बाद पाकिस्तान 2009 में इस लिस्ट से बाहर हो गया था। हालांकि लगातार आतंकी गतिविधियों में पाए जाने के कारण पाकिस्तान को 2012 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया। लेकिन पाकिस्तान ने अपने दांव-पेंच लगाकर साल 2015 में ग्रे लिस्ट से निकलने में सफल हो गया। भारत ने लगातार इसका विरोध किया। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था जिसके कारण उसे फिर जून 2018 में ग्रे सूचि में शामिल कर लिया गया। इसके बाद से ही पाकिस्तान इस लिस्ट में बना हुआ है और लगातार प्रयास कर रहा है कि कैसे भी करके बाहर निकले। कल बैठक के बाद पाकिस्तान पर निर्णय लिया जाएगा। 

पाकिस्तान क्यों हो जाता है पागल 
FATF पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड करता है तो पाकिस्तान के ऊपर इसका गहरा असर होता है। इस लिस्ट में शामिल होते ही पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय स्तर आर्थिक मदद नहीं मिल सकता है। अगर उसे IMF,ABD और वर्ल्ड बैंक से मदद नहीं मिल सकता है। कोई भी फाइनेंशियल बॉडी पाकिस्तान को आर्थिक मदद नहीं कर सकता है। इसके अलावा आयात और निर्यात पर कई तरह की पांबदियां लग जाती है। 

Latest World News