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Pakistan: चर्चा में हैं सिंध पुलिस की पहली हिंदू महिला अधिकारी, प्रेरित करने वाली है कहानी

पाकिस्तान में महिलाओं के साथ उत्पीड़न की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। लेकिन, इस बीच सिंध पुलिस की पहली हिंदू महिला अधिकारी मनीषा रोपेटा चर्चा में हैं। डीएसपी के रूप में तैनात रोपेटा ने पुलिस बल की छवि बदलने में बड़ा योगदान दिया है।

Pakistan Hindu Female Officer Manisha Ropeta- India TV Hindi Image Source : MANISHA ROPETA (X) Pakistan Hindu Female Officer Manisha Ropeta

कराची: पाकिस्तान में सिंध पुलिस की पहली हिंदू महिला अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि उनकी कहानी से उनके समुदाय की और लड़कियां प्रेरणा लेंगी और इस पेशे में आने का विकल्प चुनेंगी। जैकोबाबाद से ताल्लुक रखने वाली पुलिस उपाधीक्षक (DSP) मनीषा रोपेटा ने 2021 में सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण की थी जो उनके जैसे मध्यम वर्गीय परिवार के लिए दुर्लभ बात है। पाकिस्तान पुलिस में दो प्रकार के अधिकारी वर्ग हैं। एक वर्ग वह है जो अपने अनुभव के आधार पर उच्च पदों तक पहुंचता है और दूसरे वर्ग के अधिकारी ‘सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस’(सीएसएस) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नियुक्त और पदोन्नत होते हैं।

'चुनौतियों का किया सामना'

पाकिस्तानी पुलिस में बहुत कम शिक्षित महिला अधिकारी हैं। ऐसे में रक्षा क्षेत्र में डीएसपी के रूप में तैनात रोपेटा ने सिंध प्रांत में पुलिस बल की छवि में बदलाव लाने में काफी योगदान दिया है। रोपेटा ने पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान के अपहरण की कोशिश के मामले को निपटाने में अहम भूमिका निभाई थी। रोपेटा मानती हैं कि एक महिला पुलिस अधिकारी होना और वह भी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखना शुरू में उनके लिए एक चुनौती थी, लेकिन इससे उन्हें विभिन्न अपराधों की पीड़िताओं से संवाद करने और उनकी सहायता करने में भी मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने निमरा के मामले को लिया, तो मैं इस पीड़ादायक घटना के बाद उसके डर को महसूस कर सकती थी।’’

'पुलिस की वर्दी पहनने पर होता है गर्व'

डीएसपी रोपेटा ने कहा कि उनके साथी अधिकारी और सहकर्मी उनका सम्मान और उनके कार्य की सराहना करते हैं। रोपेटा ने कहा, ‘‘कुछ लैंगिक मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन मैं खुद को अलग-थलग महसूस नहीं करती और ना ही यह बात मायने रखती है कि मैं एक हिंदू महिला हूं। आज भी जब मैं पुलिस की वर्दी पहनती हूं, तो मुझे गर्व महसूस होता है और मुझे उम्मीद है कि हमारे समुदाय की लड़कियां मेरी कहानी से प्रेरित होकर मेरे द्वारा अपनाए रास्ते पर चलेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं 13 साल की थी तब हमने अपने पिता को खो दिया था जो जैकोबाबाद में एक व्यापारी थे। तब से हमारे इकलौते भाई ने मुझे पुलिस बल में शामिल होने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया और मेरा समर्थन किया।’’ रोपेटा ने कहा कि उनका पुलिस बल में शामिल होना एक बड़ा कदम है, क्योंकि सिंध में शिक्षित हिंदू परिवारों की लड़कियां आमतौर पर चिकित्सा या शिक्षण पेशे को अपनाती हैं। 

अभिनेत्री निमरा खान ने क्या कहा?

अभिनेत्री निमरा खान ने कहा, ‘‘शुरुआत में मुझ पर भी उंगलियां उठीं और मीडिया एवं सोशल मीडिया मंच पर कई लोगों ने मेरे अपहरण की कोशिश को छोटी-मोटी घटना बताया लेकिन डीएसपी मनीषा रोपेटा ने मेरे मामले को संभाला जिससे मुझे शांत रहकर स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिली।’’ निमरा ने कहा कि एक शिक्षित महिला पुलिस अधिकारी से बात करने पर उन्हें एहसास हुआ कि सार्वजनिक रूप से इस घटना के बारे में बात करके उन्होंने सही कदम उठाया। (भाषा)

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