प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान क्षेत्र की व्यापक क्षमताओं के इस्तेमाल के वास्ते दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) यानी सार्क को पुनर्जीवित करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उनकी टिप्पणी गुरुवार को सार्क घोषणा-पत्र दिवस के मौके पर आई। शरीफ ने ट्वीट किया, “सार्क घोषणा-पत्र दिवस आज दक्षिण एशिया के देशों के बीच क्षेत्रीय विकास, संपर्क और सहयोग की विशाल क्षमता का दोहन न किए जाने की याद दिलाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि दक्षेस देशों के लोग “इन अवसरों का लाभ न उठा पाने के शिकार” थे और कहा: “पाकिस्तान दक्षेस को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।”
दक्षेस के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। आठ सदस्यीय समूह ने अपनी स्थापना के बाद ढाई दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कोई बहुत विशेष प्रगति नहीं की है।
सदस्यों के बीच अधिक सहयोग की प्रक्रिया को बाधित करने में पाकिस्तान और भारत के बीच प्रतिद्वंद्विता को मुख्य कारण माना जाता है। पाकिस्तान में 2016 में होने वाले समूह के 19वें शिखर सम्मलेन को दोनों पड़ोसियों के बीच मतभेदों के कारण स्थगित कर दिया गया था।
उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के बाद “ तात्कालिक परिस्थितियों” के कारण भारत ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी। इसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा इस्लामाबाद बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था।
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