कर्ज में डूबे पाकिस्तान की हालत खस्ता, अब अमेरिका में फिर बेचना पड़ी अपनी एक इमारत
कंगाल पाकिस्तान ने जिस इमारत को बेचा है वो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में यह इमारत स्थित है। 2003 से यह इमारत खाली पड़ी थी। इसे 71 लाख डॉलर में बेचा गया है।
Pakistan News: पाकिस्तान को भले ही आईएमएफ से कर्ज का आश्वासन और अरब से कर्ज की 'भीख'मिल गई हो। लेकिन पाकिस्तान की माली हालत पूरी तरह से कंगाल है। ऐसी हालत में पाकिस्तान को अपनी इमारतों को गिरवी रखने की नौबत आ गई है। न्यूयॉर्क के एक बड़े पाकिस्तानी होटल के बाद अमेरिका में ही पाकिस्तान को अपनी ऐतिहासिक इमारत बेचना पड़ी है। इस इमारत को बेचने के लिए पाकिस्तान कई महीनों से प्रयास कर रहा था। अब जाकर उसे कामयाबी मिली है।
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में यह इमारत स्थित है। 2003 से यह इमारत खाली पड़ी थी। इस इमारत को पाकिस्तान द्वारा 71 लाख डॉलर में बेचा गया है। इस प्रॉपर्टी को पाकिस्तानी कारोबारी हाफिज खान ने खरीदा है। अमेरिकी सरकार ने इस पाकिस्तानी दूतावास की बिल्डिंग को डाउनग्रेड कर दिया था। इस कारण से उस पर बकाया टैक्स बहुत ज्यादा बढ़ गया था।
पाकिस्तान सरकार इस इमारत का नहीं भर पा रही थी टैक्स
पाकिस्तान की कंगाल सरकार इस इमारत का टैक्स तक नहीं भर पा रही थी। यह बिल्डिंग वॉशिंगटन के प्रसिद्ध आर स्ट्रीट पर है। इसके लिए तीन दावेदार मिले थे। साल 2018 में इसका राजनयिक दर्जा भी खत्म कर दिया गया था। इस इमारत का रखरखाव भी सही से नहीं किया गया था। इस कारण लोकल शासन प्रशासन ने इसे रहने के लिहाज से असुरक्षित और खतरनाक बताया था। इस इमारत में ही एक समय में पाकिस्तानी दूतावास हुआ करता था।
पाकिस्तानी सरकार की कंगाल हालत दुनिया से छिपी नहीं है। वॉशिंगटन में स्थित इस इमारत से पहले पाकिस्तान की सरकार ने न्यूयॉर्क में स्थित रुजवेल्ट होटल को भी लीज दिया था। इस बीच पाकिस्तान सरकार को आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से हाल ही में तीन अरब डॉलर के बेलआउट को मंजूरी मिली है। कैश की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को मदद के लिए 1.2 अरब डॉलर तुरंत मिल जाएंगे।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार देर रात जारी एक बयान में, आईएमएफ ने कहा, 'आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को सहयोग के लिए लगभग 3 अरब डॉलर या कोटा का 111 प्रतिशत की राशि के लिए नौ महीने की स्टैंड-बाय व्यवस्था (एसबीए) को मंजूरी दे दी है।' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के प्रयासों में बेलआउट एक बड़ा कदम है।
पाकिस्तान को यूएई और सऊदी से भी मदद
इस सप्ताह की शुरुआत में, पाकिस्तान को सऊदी अरब से 2 बिलियन डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात से 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग भी मिली। पाकिस्तान को मिलने वाले इन कर्जों की बदौलत ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चल पा रही है। पाकिस्तान की कंगाली की हालत यह है कि कर्ज चुकाने के लिए भी उसे कर्ज लेना पड़ता है।