पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही पूरा देश आग के हवाले हो चुका है। जगह-जगह इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआइ के समर्थक आगजनी और दुकानों व घरों से खाने-पीने के सामानों की लूटपाट भी कर रहे हैं। इस दौरान आज इमरान खान को कोर्ट में भी पेश किया जाना है। मामले की संवेदनशीलता को मद्देनजर रखते हुए सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस लाइन हेड क्वार्टर में ही इमरान खान की पेशी कराई जाएगी।
बता दें कि खान की गिरफ्तारी के बाद रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोलने वाले उनके समर्थकों द्वारा पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। पाकिस्तान रेजर्स खान को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें एक वैन में वहां से ले गए। इसके बाद खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोल दिया। इससे एक दिन पहले ही 70 वर्षीय खान ने देश की सेना पर कथित तौर पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस बीच देर रात हुए एक घटनाक्रम में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान की गिरफ्तारी को ‘‘वैध’’ ठहराते हुए कहा कि गिरफ्तारी करते समय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया है।
इमरान खान का कॉलर पकड़कर ले गए थे सुरक्षा कर्मी
टीवी फुटेज में रेंजर्स इमरान खान को कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए ले जाते और उन्हें एक जेल वाहन में बैठाते हुए देखे जा रहे हैं। रेंजर्स, गृह मंत्रालय के तहत काम करते हैं और आमतौर पर सेना से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों द्वारा निर्देशित होते हैं। एनएबी के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि, ‘‘खान को एक भूमि, सम्पत्ति कारोबारी मलिक रियाज को हस्तांतरित करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित है। एक मई को जारी किए गए खान के गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि उन पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है।
खान की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पहली बार, खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ दिया, जहां सैनिकों ने संयम बरता। प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठान के खिलाफ नारेबाजी की। लाहौर में, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए।
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