Pakistan in debt: भयंकर बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। इससे पाकिस्तान के बेमौत मारे जाने की आशंका भी प्रबल हो गई है। दरअसल पाकिस्तान सिर्फ बाढ़ में ही नहीं डूबा है, बल्कि वह भयंकर कर्ज में भी डूब चुका है। इससे उसके लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है। ऐसे में पाकिस्तान अब खुद को विकप्लहीन महसूस कर रहा है। अब रोने के अलावा उसके पास कोई विकल्प बचा नहीं है।
60 अरब डॉलर के करीब पाकिस्तान पर कर्जा
भीख मांगकर तरक्की का सपना देखने वाला पाकिस्तान अब बुरा फंस गया है। बाढ़ के साथ ही साथ अब कर्ज उसे पूरी तरह ले डूबने पर उतारू है। अब बाढ़ में मदद के नाम पर मिले पैसों से पाकिस्तान अपने लोगों का पेट भरे या कर्ज ?... यह बात उसके समझ में नहीं आ रही है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक कि इस साल पाकिस्तान पर कुल कर्ज और देनदारियां बढ़कर 59.7 अरब डॉलर हो गई हैं, जो एक साल पहले की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। इससे पाकिस्तान की बर्बादी का रास्ता तय दिख रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब पाकिस्तान का हाल श्रीलंका जैसा हो जाए।
कई देशों से पाकिस्तान ने लिया है कर्जा
पिछले तीन दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को इस स्थिति से निपटने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय कर्जों के पुनर्भुगतान को फिलहाल रोकने के साथ ही कर्जों के पुनर्गठन के बारे में भी प्रयास करने की सलाह दी गई है। पाकिस्तान ने कई देशों से कर्जा लिया है। स्थानीय मीडिया में संयुक्त राष्ट्र ज्ञापन का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। पाकिस्तानी समाचारपत्र 'द डॉन' में शुक्रवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने पाकिस्तान सरकार के साथ साझा किए गए एक ज्ञापन में कहा है कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को कर्ज पुनर्गठन एवं पुनर्भुगतान के संबंध में अपने रुख को संशोधित करने की जरूरत है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 30 अरब डालर का नुकसान
पाकिस्तान सरकार ने इस मानसून में हुई भारी बारिश से आई भीषण बाढ़ से अर्थव्यवस्था को करीब 30 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान जताया है। इस बाढ़ में पाकिस्तान का करीब एक-तिहाई हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिसमें जान-माल की भी क्षति हुई है। यूएनडीपी के ज्ञापन में सुझाव दिया गया है कि सरकार को अपने कर्ज के पुनर्भुगतान को फिलहाल रोक देना चाहिए। इसके अलावा कर्जदाताओँ को कर्ज पुनर्गठन या अदला-बदली के बारे में भी गौर करना चाहिए जिसके तहत सरकार जलवायु परिवर्तन के झटकों को झेलने में सक्षम अवसंरचना के विकास में निवेश करे।
Latest World News