इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में तालिबान के शासन का खुलकर समर्थन करने वाले पाकिस्तान के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। डूरंड लाइन पर पाकिस्तान बाड़ लगाना चाहता है, लेकिन शायद तालिबान के ‘खौफ’ के चलते कदम उठाने में झिझक रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि उनका मुल्क अपनी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान के तालिबान शासन की सहमति से डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने का शेष कार्य पूरा कर लेगा।
‘हमारे भाइयों की सहमति से पूरा होगा काम’
पाकिस्तान ने आतंकवादियों के आसान रास्ते को रोकने के लिये 2,670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने का लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। हालांकि, अफगानिस्तान ने सदियों पुराने ब्रिटिश-युग के सीमा निर्धारण का विरोध किया है। अहमद ने कहा कि 2,600 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा पर बाड़ लगा दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शेष 21 किमी सीमा पर बाड़ लगाने का काम 'हमारे भाइयों की सहमति से' पूरा कर लिया जाएगा।
समय-समय पर होती रहती हैं झड़पें
बता दें कि सीमा पर बाड़ लगाना हमेशा दोनों देशों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है, और हाल के दिनों में समय-समय पर झड़पों की सूचना मिली है। पिछले महीने कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए, जिसमें कथित तौर पर अफगान तालिबान के सदस्यों को सीमा पर बाड़ के एक हिस्से को उखाड़ते हुए देखा गया था। उनका दावा था कि बाड़ को अफगान क्षेत्र के अंदर लगाया गया है।
‘बाड़ लगाने की अनुमति नहीं देंगे’
इस महीने की शुरुआत में, तालिबान के कमांडर मौलवी सनाउल्लाह संगीन ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि तालिबान डूरंड रेखा पर किसी भी रूप में बाड़ लगाने की अनुमति नहीं देगा। संगीन ने ‘टोलो न्यूज’ से कहा था, ‘हम (तालिबान) किसी भी समय, किसी भी रूप में बाड़ लगाने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने (पाकिस्तान ने) पहले जो कुछ किया, वो किया, लेकिन हम अब इसकी अनुमति नहीं देंगे। अब कोई बाड़ नहीं लगेगी।’
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