जानिए दुनियाभर में कटोरा लेकर घूमने वाले कंगाल पाकिस्तान की हकीकत, कहां खर्च करता है पैसे
पाकिस्तान कर्ज के लिए पूरी दुनिया में घूमता है। IMF से आस लगाए बैठा है कि अगर कुछ मिल जाए। इस हाल में भी कंगाल पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट बढ़ाया है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब है। आम लोग महंगाई से त्रस्त हैं। दुनियाभर से इस मुल्क के हुक्मरान पैसा मांगते हैं। लेकिन, इन बातों को अब जरा दरकिनार कर दीजिए क्योंकि हम आपको इस कंगाल मुल्क की असली हकीकत बताने जा रहे हैं। हम आपको बताने जा हैं कि आखिर पाकिस्तान पैसों को खर्च कहां करता है। आप सोच रहे होंगे पाकिस्तान अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे खर्च करता है...जनाब भूल जाइए, ऐसा बिलकुल नहीं है। पाकिस्तान को बम और बारूद की भूख है और जनता की मुश्किलों से बेपरवाह ये मुल्क इन्हीं चीजों परे जमकर पैसे उड़ाता है।
पाकिस्तान ने बढ़ाया रक्षा बजट
दरअसल, पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बुधवार को पेश बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 15 प्रतिशत बढ़ाकर 2,122 अरब रुपये कर दिया है। यह पिछले वित्त वर्ष के रक्षा बजट की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी है। कर्ज संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब वह देश की बाहरी देनदारियों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से नया कर्ज पाने का प्रयास कर रहा है। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अगले वित्त वर्ष का बजट पेश किया।
गठबंधन सरकार का यह पहला बजट
आठ फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद सत्ता में आई पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) गठबंधन सरकार का यह पहला बजट है। पिछले साल सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 1,804 अरब रुपये आवंटित किए थे। यह आंकड़ा उससे पहले के साल के 1,523 अरब रुपये से अधिक था। औरंगजेब ने कहा कि सरकार ने जुलाई 2024-जून 2025 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है।
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वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि बजट की कुल राशि 18,877 अरब रुपये होगी और इसमें रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 14.98 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 12 प्रतिशत होगा जबकि बजट घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर संग्रह लक्ष्य 12,970 अरब रुपये होगा- जो पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है। (भाषा)
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