पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को नए सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल आसिम मुनीर और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को बधाई दी है। उन्हें उम्मीद है कि नई सैन्य नियुक्तियों के साथ 'मौजूदा भरोसे की कमी' दूर हो जाएगी। मीडिया की खबरों में यह बात कही गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में अपने विचार साझा करते हुए कहा, "जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को नए सीजेसीएससी और जनरल सैयद आसिम मुनीर को नए सीओएएस के रूप में बधाई।"
पीटीआई प्रमुख ने कहा, "हमें उम्मीद है कि देश और राज्य के बीच पिछले आठ महीनों में विश्वास की कमी थी, मगर नया सैन्य नेतृत्व मौजूदा विश्वास की कमी को दूर करने के लिए काम करेगा।" खान ने ट्वीट के साथ कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना के एक उद्धरण को भी साझा किया, जिसमें कहा गया था, "सशस्त्र बल लोगों के सेवक हैं और आप राष्ट्रीय नीति नहीं बनाते हैं, यह हम नागरिक हैं, जो इन्हें तय करते हैं।" सेना में कमान परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है, जब देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें गहराते राजनीतिक संकट, उग्रवाद का पुनरुत्थान शामिल हैं। हालांकि, कई पर्यवेक्षकों का मानना है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान की सार्वजनिक छवि को बहाल करना जनरल मुनीर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
बाजवा का हुआ खूब विरोध
सेना प्रमुख के रूप में जनरल कमर जावेद बाजवा के छह साल के विस्तारित कार्यकाल के तहत सेना को पहले पीएमएल-एन से आलोचना का सामना करना पड़ा, जब वह विपक्ष में थी, और अब पूर्व प्रधानमंत्री खान की पार्टी पीटीआई से। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मुनीर को उन अधिकारियों में से एक माना जाता है, जिन्होंने सेना के तटस्थ रहने की पुरजोर वकालत की, जब राज्य की संस्था राजनीति में कथित दखल के लिए जांच के दायरे में आ रही थी। जनरल मुनीर को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सेना प्रमुख नियुक्त किया है। सरकार ने उम्मीद जताई है कि मुनीर की कमान के तहत सेना अब राजनीति में भूमिका नहीं निभाएगी।
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